सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय अलजंदारिया कल्चरल फेस्टिवल में बिहारी संस्कृति की धूम मच गयी है. वहां के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज समेत 17 देशों के राजदूत बिहारी संस्कृति, हेरिटेज और पकवान के लजीज जायकों से खासी प्रभावित हुए.

फेस्टिवल में ओबैदुर रहमान के साथ अनेक डिगनिटरीज

इस कल्चरल फेस्टिवल का उद्घाटन सऊदी बादशाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने 7 फरवरी को की थी और इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी शिरकत की थी.

 

सऊदी अरब का भारत के साथ मधुर होते संबंधों के प्रतीक के रूप में इस फेस्टिवल को याद किया जा रहा है. सऊदी अरब में आयोजित होने वाले सबसे महत्वपूर्ण कलचरल फेस्टिवलों में से एक इस फेस्टिवल में न सिर्फ भारत को गेस्ट ऑफ आनर बनाया गया बल्कि इस अवसर पर बिहार फाउंडेशन के सऊदी अरब चेप्टर के प्रमुख ओबैदुररहमान के नेतृत्व में ज्ञान की धरती नालंदा विश्वविद्यालय, शेर शाह सूरी के ग्रेंड ट्रंक रोड, खुदा बख्श ओरियेंटल पबल्कि लाइब्रेरी की अरबी भाषा की दुनिया की सबसे समृद्ध पांडुलिपियों के मॉ़डल और बिहार के लिट्टी चोखा का जायका को परोसा गया.

 

साथ ही बोद्ध गया के बौद्ध मंदिर के मॉडल का आकर्षण भी वहां के दर्शकों को लुभाने में सफल रहा. इन तमाम आकर्षों के जादू के कायल सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज तो हुए ही, साथ ही चीन, जापान समेत 17 देशों के राजदूतों ने भी बिहार की इस पेशकश की सराहना की.

राजधानी रियाज से मात्र  40 किलोमीटर के फासले पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत 7 फरवरी को हुई. यह फेस्टिवल 25 फरवीर तक चलेगा.

 

बिहार फाउंडेशन के सऊदी अरब चेप्टर के अध्यक्ष ओबैदुर रहमान  ने इस फेस्टिवल में बिहार की मची धूम से काफी गदद हैं. रहमान ने बताया कि सऊदी अरब में भारत के राजदूत अहमद जावेद की पहल पर जब सत्रह देशों के राजदूत बिहार फाउंडेशन के प्रांगण में पहुंचे तो वे काफी प्रभावित हुए. तमाम दूतावासों के राजदूतों ने लिट्टी चोखा का आनंद लिया.

18 दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में लाखों दर्शक आते हैं. सन 2017 में इस फेस्टिवल में 68 लाख दर्शकों ने भागीदारी की थी. रहमान ने बताया कि इस वर्ष दर्शकों की संख्या काफी बढ़ने की संभवाना है.

 

 

 

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