अमेरिकी संस्था बोली, निरंकुश हो रहा भारत, राजद की गंभीर टिप्पणी

एक अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट में भारत को फ्री देशों की सुची से बाहर कर दिया गया। भारत को अब आंशिक फ्री देश बताया। राजद की छपरा इकाई ने की गंभीर टिप्पणी।

कुमार अनिल

लोकतंत्र, राजनीतिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार के लिए रिसर्च और एडवोकेसी करनेवाली अमेरिकी संस्था ने भारत को फ्री (आजाद) देशों की सूची से बाहर कर दिया है। उसने केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की भी आलोचना की है। संस्था ने भारत को अब आंशिक रूप से फ्री देशों की सूची में डाल दिया है। इस खबर को आज कोलकाता से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार द टेलिग्राफ ने अपनी मुख्य खबर बनाई है।

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सारण राजद ने अखबार की खबर को साझा करते हुए गंभीर टिप्पणी की है। सारण राजद ने कहा- यह रेड्स ऑन क्रिटिक्स की कहानी बयां करता है। पार्टी का इशारा सरकार का विरोध करने पर आईटी, सीबीआई के छापे की ओर है। सारण राजद ने अंग्रेजी में ट्विट किया है, जिसका अर्थ है देश में केवल राजद ही इस स्थिति का मुकाबला कर रहा है। लालू प्रसाद यादव ने न तो कभी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता किया और न ही सत्ता की आलोचना से कभी पीछे हटे। समझौता करने के बजाय उन्होंने इसकी कीमत चुकाते हुए जेल में रहना मंजूर किया।

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राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को तानाशाही की तरफ ले जा रहे हैं। देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को पंगु बना दिया गया है। विरोध करने पर देशद्रोही बता दिया जाता है।

मालूम हो कि अमेरिका के वाशिंगटन स्थित संस्था फ्रीडम हाउस ने भारत को फ्री देशों की सूची से बाहर करते हुए आंशिक रूप से फ्री देशों की सूची में डाल दिया है।

संस्था की रिपोर्ट बुधवार को सामने आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से उम्मीद थी कि वह चीन जैसे निरंकुश शासनवाले देशों के समानांतर लोकतंत्र के चैंपियन की तरह काम करेगा, लेकिन वह खुद निरंकुशता की राह पर बढ़ रहा है। द टेलिग्राफ ने लिखा है कि रिपोर्ट में प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा गया है कि भारत अब ग्लोबल डेमोक्रेटिक लीडर नहीं रहा।

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