बिहार सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, दस मुखिया बर्खास्त, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने 10 मुखियों द्वारा योजनाओं में भारी गड़ी किये जाने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया है. अब ये अगले 5 साल चुनाव लड़ने के योग्य भी नहीं रहेंगे.

दीपक कुमार ठाकुर, बिहार ब्यूरो प्रमुख

पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने 10 मुखियों द्वारा योजनाओं में भारी गड़ी किये जाने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया है. अब ये अगले 5 साल चुनाव लड़ने के योग्य भी नहीं रहेंगे.

बिहार के मुखिया पर बिहार सरकार सही ढ़ंग से कार्य नहीं किये जाने की वजह से सख्त कार्रवाई कर रही है. पंचायती राज विभाग ने योजनाओं में गड़बड़ी होने की वजह से बिहार के दस मुखियों को बर्खास्त कर दिया है. ये मुखिया अब अगले पाँच वर्षों तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। अब तक बिहार के 10 मुखियों पर गाज गिरी है.

पदच्युत किये गए मुखियों 

नवादा जिला के अकबरपुर प्रखंड के राजमहल पंचायत मुखिया सहिमा खातून
नालंदा के राजगीर प्रखंड के गोरौर ग्राम पंचायत मुखिया संतोष कुमार दिवाकर
नादरगंज प्रखंड के हंडिया पंचायत के मुखिया प्रमोद कुमार
नरहट के नरहट पंचायत की मुखिया उर्मिला देवी
नासरीगंज प्रखंड के ओडो पंचायत मुखिया मिंता देवी
नादरगंज के कहुआरा पंचायत के मुखिया राकेश कुमार
शेखपुरा के चेवड़ा प्रखंड के ग्राम पंचायत मुखिया पिंकू कुमार
औरंगाबाद के देव् प्रखंड एकरौरा पंचायत मुखिया प्रमोद प्रसाद चौरसिया
कैमूर के चांद प्रखंड के लोहदन पंचायत की मुखिया हीरावती देवी
बांका जिला के शंभुगंज प्रखंड के चुटिया बेलारी मुखिया बीबी फरजिना बेगम हैं।

पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा के द्वारा यह कार्रवाई की गई है. आदेश में प्रधान सचिव ने जानकारी दी है कि बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 18-5 के प्रावधानों के अधीन मुखिया को पद से हटाया गया है।

पद से हटाये गये मुखिया अब अगले पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

 

गौरतलब है कि पंचायतों में विकास कार्यों के लिए मुखिया को बड़े पैमाने पर फंड मुहैया कराया जाता है. लेकिन राज्य में मुखियों द्वारा भ्ष्टाचार के अनेक मामले सामने आते रहते हैं. पंचायती राज विभाग अब समुचित रूप से काम नहीं करने वाले मुखियों पर सख्ती बरत रहा है.

By Editor