अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ ने मनाई मैकू राम जयंती

अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ ने मैकू राम की जयंती और स्मृति ग्रंथ के विमोचन पर बड़ा आयोजन किया। मैकू राम अजा-अजजा के संघर्षशील योद्धा।

5 जनवरी 2023 को अंबेडकर सेवा एवं शोध संस्थान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी संघ के तत्वावधान में कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष मैकू राम का जन्म दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बिहार विधान परिषद के उपाध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी मुख्य रूप से आमंत्रित थे।

जन्म दिवस समारोह मैकू राम के सम्मान में लोक गायकी से आरंभ हुआ। समारोह में मैकू राम जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक पुस्तक “मैकू राम स्मृति – ग्रंथ” का विमोचन भी किया गया। यह स्मृति ग्रंथ दुर्लभ छाया चित्रों के साथ 232 पृष्ठों का है। इसका संपादन इं0 राजेंद्र प्रसाद और संकलन रमेश चंद्र कैथल द्वारा किया गया है, जो सम्यक प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है। इसकी खूबसूरत छपाई लोगों को आकर्षित करती है। यह पुस्तक पठनीयता से भरपूर है। जिसे अपने पुस्तकों की सूची में संग्रहणीय स्थान दिया जा सकता है।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मैकू राम न केवल अनुसूचित जातियों और जनजातियों के हितों के लिए संघर्षशील योद्धा थे बल्कि वे पिछड़े गरीबों और मजलूमों के मानवीय अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले सिपाही भी थे। इतिहास के कालखंड में ऐसे योद्धा कभी कभी पैदा होते हैं। ऐसे लोग अपने कृतित्व से इतिहास पुरूष बन जाते हैं। उनके कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सबको एक समान स्कूलिंग शिक्षा और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सेपरेट एलेक्ट्रोट यानी पृथक निर्वाचन की चर्चा की। धार्मिक अंधविश्वास और रूढ़िवाद पर भी प्रहार किया। पत्रकारों और समाचार पत्रों के प्रवक्ताओं पर तंज किया कि इसको उजागर करने के लिए उन्हें धन्यवाद देने की बजाय समाचार पत्र वाले बड़े बड़े हेडिंग के साथ छापते हैं कि “जीतन राम मांझी के बिगड़े बोल ” यह छाप कर मुझे हतोत्साहित करने का प्रयास करते हैं अपने पत्रकारिता धर्म का अपमान करते हैं। पर वे इससे डरने वाले नहीं हैं। इसे उजागर करते रहेंगे। आगे उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को एक होकर आपसी जाति पाति का भेदभाव मिटाकर लड़ाई लड़नी होगी तभी हम अपनी लड़ाई में सफल होंगे अन्यथा आप कभी सफल नहीं हो सकते हैं। यह दुखद है कि दलित अपने अपने जातियों में बिखरे हुए हैं। उन्हें एकताबद्ध प्रयास करना होगा। यही मैकू राम के प्रति सच्ची भावना से दी गई श्रद्धांजलि होगी।

बिहार विधान परिषद के उपाध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने डोम मुसहर और हलखोर के उत्थान पर विशेष जोर दिया। राजनीतिक दलों के लोग केवल वोट की राजनीति के कारण समाज के इन सबसे उपेक्षित और पीड़ित जातियों की तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है। पहले वे भी ध्यान नहीं देते थे लेकिन जीवन की अंतिम बेला में वे अब इन जातियों पर सर्वाधिक ध्यान देते हैं। यही मैकू राम के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धांजलि होगी।

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मैकू राम से अपने पूर्व के व्यक्तिगत संबंधों की चर्चा की। उन्हें अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाला एक निडर योद्धा के रूप में चित्रित किया। उनसे प्रेरणा मिली की मार्मिकता का भी उल्लेख किया।

इस समारोह में इनके अलावा अन्य विभिन्न वक्ताओं जैसे भंते ज्ञान कीर्ति, इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद, देवेन्द्र रजक, रंजू राही, सेवा निवृत्त पुलिस महानिदेशक गुप्त, अर्जक संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार गुप्त, मैकू राम की पुत्री अर्चना रूपवते और दामाद पूर्व राजनयिक बिनोद कुमार, पूर्व गृह सचिव जिया लाल आर्य ने भी मैकू राम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कर्मचारी संघ के महासचिव देवेन्द्र रजक ने अपने संबोधन में कर्मचारी संघ की परेशानियों और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। आगत अतिथियों का स्वागत मैकू राम के अनुज एवं अनुसूचित जाति और जनजाति कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद्र कैथल ने किया और मैकू राम के जीवन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। मैकू राम द्वारा इन तीनों संस्थानों के नींव डालने को एक दूरगामी सोच कहा।

समारोह दरोगा प्रसाद राय पथ पटना स्थित डाॅ0 आंबेडकर सेवा एवं शोध संस्थान में किया गया। खुले मैदान में बनाया गया आकर्षक सभागार खचाखच लोगों से भर गया था। खराब मौसम के बावजूद पांडाल के बाहर भी सैकड़ों की संख्या में लोग खड़े थे। कुल मिलाकर यह समारोह काफी सफल रहा। इसकी चर्चा होती रही।
समारोह का संचालन प्रह्लाद बैठा ने किया। इं0 विनोद चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह समाप्त हुई।

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