आसिफ के हत्यारों के पक्ष में जुटी भीड़, नफरती भाषणों से फैला जहर

हरियाणा में 16 मई को भीड़ ने जिम ट्रेनर आसिफ की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। अब हत्यारों के पक्ष में सभा हुई, नफरत फैलानेवाले भाषण दिए गए। कहां जा रहा देश?

हरियाणा के इंदरी में करणी सेना के सूरज पाल।

पिछले 16 मई को हरियाणा के खलिलपुर खेड़ा निवासी 27 वर्षीय आसिफ को एक उन्मादी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हंगामा होने पर पुलिस ने आरोपियों का गिरफ्तार किया। अब आरोपियों के पक्ष में हरियाणा में लगातार सभा-पंचायत हो रही है। ऐसी ही एक सभा 30 मई को नूह के इंदरी में हुई, जिसमें कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार लोग जुटे।

इस पंचायत में समुदाय विशेष के खिलाफ उग्र भाषण दिए गए, नारे लगे और हत्या के आरोपितों को नायक की तरह पेश किया गया। खुलआम हत्या के पक्ष में उग्र बातें दुहराई गईं। इस संबंध में कई वीडियो सामने आए हैं। एफआईआर में 14 लोगों के नाम हैं, जिनमें मुक्य आरोपी पटवारी, आडवाणी, महेंद्र और अनूप हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि ये सभी भाजपा से जुड़े हैं।

हरियाणा के मुस्लिम रक्ष दल ने इस महापंचायत के खिलाफ मेवात के एसपी के यहां लिखित शिकायत की है, लेकिन अबतक नफरत फैलाने, कानून तोड़ने और समाज में भाईचारा खत्म करने वालों को खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पत्रकार राना अयूब ने ट्वीट किया- भारत की आत्मा घायल हुई है। 50 हजार उग्र हिंदू हत्यारे के पक्ष में जमा हुए, जिन्होंने 27 वर्षीय मुस्लिम युवा की पीट-पीटकर हत्या की। हमारे सपनों का भारत मर गया। इस पर सवर्ण और उन्मादी हिंदुओं ने देश के नागरिकों और सत्ता के चुप रहने के कारण कब्जा कर लिया है।

कोरोना काल में कुछ मुसलमान नीतीश के कायल क्यों हुए

प्राध्यापक और लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने ट्वीट किया- लिंचिंग के समर्थन में कोविड काल में पचास हज़ार लोगों का जमावड़ा, और जैसी बातें वहाँ की गयीं…अब भी अगर हम न चेते तो देश और समाज का क्या भविष्य होगा? हाथ जोड़कर विनती है, ज़रा सोचें…।

कई लोगों ने समुदाय विशेष के खिलाफ सभा करनेवालों से पूछा है कि जब महामारी में लोग बेड के लिए रो रहे थे, तब ये लोग कहां थे? कई लोगों ने इसे किसान आंदोलन को कमजोर करने तथा चुनाव की तैयारी से पहले नफरत फैलाने की साजिश करार दिया है।

By Editor