जनता दल राष्ट्रवादी के कंवेनर अशफाक रहमान ने रोहिंग्या  समुदाय का बहाना बना कर भारत से मुसलमानों को बेदखल करने की साजिश को सुप्रीम कोर्ट द्वार नाकाम कर दिये जाने पर संतोष जताया है.उन्होंने कहा कि भविष्य में चौकन्ना रहने की जरूरत है क्योंकि असम की भाजपा सरकार इस करतूत को किसी और नाम से दोहरा सकती है.

अशफाक रहमान ने मौलाना बद्रुद्दीन अजमल और मौलाना अरशद मदनी की पहल पर इंसाफ की इस जंग में हुई जीत पर उन्हें बधाई दी साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में असम सरकार और भी षड्यंत्र करने से बाज नहीं आ सकती.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत लिंक सर्टिफिकेट द्वार मुस्लिम महिलाओं की भारतीय नागरिकता को राज्य सरकार द्वारा नामंजूर किये जाने वाली याचिका को रद्द कर दिया है, जिसके बाद वहां की महिलाओं की खतरे में पड़ी नागरिकता टल गयी है. अगर सुप्रीम कोर्ट इस कदम पर रोक नहीं लगाता तो लाखों की नागरिकता समाप्त हो जाती और वे भारतीय नहीं रह पाते.

अशफाक रहमान ने कहा कि राज्य सरकार अपनी हार से बौखला कर पंचात लिंक सर्टिफिकेट को खत्म कर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन लागू करने का षड्यंत्र रच सकती है.इसलिए इस मामले में ज्यादा खुश होने के बजाये सतर्क रहने की जरूरत है.

षड्यंत्र की चिनगारी

उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकारें कोई चिंगारी सुलगा देती है तो वह शोला बन कर कभी भी खतरा बन सकती है. उन्होंने कहा कि  हमें याद रखना चाहिए कि यूपी की कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अदालत में हलफनामा दे कर कहा था कि वह बाबरी मस्जिद को नहीं ढहने देगी लेकिन उस हलफनामे में दिये गये शपथ पर धोखा दिया गया जिसका नतीजा सामने है. अशफाक रहमान ने कहा कि आज अदालतों का कितना सम्मान सरकारें करती हैं यह सब को पता है. उन्होंने जोर दे कर कहा कि असम सरकार वहां के नागरिकों का ऑडिट कर रही है. यह हास्यस्पद है कि कोई सरकार अपने लोगों को रकम की तरह समझती है जिसका ऑडिट किया जाये. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में वह अपने अधिकारियों को लगा चुकी है और अपने मन माफिक रिपोर्ट ले कर कुछ भी फसाद खड़ी कर सकती है.

अशफाक रहमान ने कहा कि एनआरसी के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ षड्यंत्र का जिम्मेदार सिर्फ भाजपा ही नहीं है बल्कि एनआरसी तो दर असल कांग्रेस के दिमाग की उपज है. इसलिए कांग्रेस भी इस करतूत में शामलि है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने ही नागरिकों के एक वर्ग में दहशत फैला कर वोट लेने का खेलती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस मुलमानों को डरा कर उनका वोट बटोरती है.

अशफाक रहमान ने कहा कि इस मामले में मजहबी नेतृत्व ने जिस तरह की भूमिका निभाई है उससे तत्काल राहत तो मिल गयी है लेकिन ऐसी सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए मुसलमानों को सियासी नेतृत्व को मजबूत करना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक अपनी सियासत और अपनी कयादत के दम राजनीति नहीं की जायेगी तब तक ऐसी समस्यायें सर उटाती रहेंगी.

 

 

By Editor