अतीक के हत्यारों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश से सावधान

बिलकिस के रेपिस्टों को संस्कारी और मनीष कश्यप को हीरो बताने वाले अतीक के हत्यारों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश में लगे हैं। बचाइए नई पीढ़ी को।

अतीक अहमद को पुलिस घेरे में गोली मार कर हत्या करने वाले लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के प्रति खासकर लवलेश के प्रति सोशल मीडिया में कई लोग सहानुभूति प्रकट कर रहे हैं। इन तीनों को भटका हुआ, मानसिक रूप से ठीक नहीं, कम उम्र, साधारण और गरीब परिवार का बता कर सहानुभूति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, खुद उनके बच्चे पर क्या असर होगा?

प्रणाम वालेकुम वाले व्यंग्यकार राजीव ध्यानी ने ठीक कहा-इलाहाबाद के वे तीन हत्यारे लड़के अगर आपके हीरो हैं, तो हमारी दुआ है, कि आपके बच्चे भी उनकी तरह हीरो बनें. जेल में जाएं, फांसी पाएं, या अपने जैसे हत्यारे की गोली से ही मारे जाएं। राजीव ध्यानी के इस ट्वीट के बाद लवलेश को हीरो बतानेवाले उनके पीछे पड़ गए, लेकिन राजीव ध्यानी ने एक-एक कर सबको जवाब दिया है। ये बहस उनकी टाइमलाइन पर आप देख सकते हैं।

लवलेश के लिए सहानुभूति जताने पर आलोक चिक्कू ने ट्वीट किया-पुलिस इनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल हत्या कांड के आरोपी गुलाम की माँ और परिवार को शव तक नहीं लिया उसका और हत्याकांड के बाद से ही गुलाम का परिवार ये कह रहा था कि उसका परिवार से कोई लेना देना नहीं है, वो परिवार से अलग रहता है। उसके बाद भी उसके पिता का पुश्तैनी घर गिरा दिया गया, तब आपने अनुरोध नहीं किया, सहानभूति सिर्फ यहाँ क्यों सर ?

एक ट्विटर यूजर केदार ने कहा-जो लोग यह कह रहें हैं की लवलेश तिवारी मानसिक रूप से ठीक नहीं लग रहा है वो लवलेश तिवारी की साजिश का शिकार हो रहें है पुलिस की सुरक्षा में घुसकर अतीक अहमद पर गोली चलाना किसी तरह से मानसिक कमजोरी नहीं है, अगर मानसिक संतुलन ठीक नहीं था अपने पर गोली क्यों नहीं चला लिया।

मालूम हो कि सोशल मीडिया पर लवलेश की एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें वह कंधे पर सांप लटकाए है। इस तस्वीर के साथ कई लोग लिख रहे हैं कि वह मानसिक रूप से बीमार है। उसे जेल में नहीं भेजा जाए। उसे सुधार गृह में भेजा जाए। इस बीच अतीक के हत्यारों और भाजपा नेताओं के संबंध पर भी बहस छिड़ी है।

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