Ayodhya में हाल में किये गये राम जन्मभूमि पूजन के आयोजन में प्रधानमंत्री Narendra Modi तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के प्रधान Mohan Bhagwat की नेतृत्वकारी भूमिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब भारतीय राज्य संविधान में उल्लिखित धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा से पूरी तरह भटक गया है । उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने ‘ राम जन्मभूमि मंदिर ‘ (Ram Janam Bhumi Mandir) के निर्माण का कार्य एक ट्रस्ट को सौंपा था , लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रस्ट को पृष्ठभूमि में ढकेल कर सबकुछ आर.एस.एस. और ‘प्रधान सेवक’ ने हथिया लिया है।

राम जन्मभूमि एवं बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले ने इस तथ्य को उजागर कर दिया कि न्यायपालिका अब संविधान के प्रावधानों से अधिक मौजूदा शासकों की इच्छाओं का सम्मान करने लगी है और न्याय करने की अपनी स्वतंत्र हैसियत से समझौते करने में संलिप्त हो गयी है। धर्मनिरपेक्षता पर आए भीषण खतरे तथा साम्प्रदायिक सद्भाव के लगातार हो रहे क्षरण के इस कठिन एवं मुश्किल भरे दौर में सिटीजंस फोरम , पटना आम नागरिकों का आह्वान करता है। और ये सारी बात इन लोगों ने कही।

1. राज्य तथा उसके काम-काज और राजनीति एवं उसकी विविध गतिविधियों से धर्म के पूर्ण विलगाव के लिए वैचारिक संघर्ष तेज करें।

2. देश एवं समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की बहाली के लिए हर संभव प्रयास करें।

3.संविधान प्रदत्त धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को नष्ट कर हिन्दू राष्ट्र बनाने की संघ परिवार की साज़िश का भंडाफोड़ करें।

4.सीएए विरोधी आन्दोलन में सक्रिय सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं की हो रही गिरफ्तारियों के खिलाफ सशक्त आवाज बुलंद करें।

5.बाबरी मस्जिद विध्वंस के अभियुक्तों पर चल रहे फौजदारी मुकदमे में तेजी लाकर शीघ्रातिशीघ्र दोषियों को दंडित कराने के लिए मजबूत दबाव बनायें।

इसपर इन लोगों ने अपना हस्ताक्षर किया-

1.रूपेश  2. मणिकांत पाठक  3. मोना झा 4. अनीश अंकुर 5. विश्वजीत कुमार 6. ग़ालिब खां 7. नन्द किशोर सिंह 8. बिनोद रंजन  9. अजय कुमार सिन्हा 10.मनोज चन्द्रवंशी 11. जयप्रकाश ललन

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