बेल के बाद भी जेल में नताशा, कलिता, तन्हा, कोर्ट ने फिर कहा छोड़िए

जेएनयू की नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया के आसिफ इकबाल तन्हा को 15 जून को ही बेल मिली, लेकिन वे अबतक जेल में है। कोर्ट ने फिर कहा, तुरत छोड़िए।

सीएए विरोधी आंदोलन से जुड़े जेएनयू के नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और जामिया मिलिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को ही जमानत दे दी। इसके बावजूद वे अबतक जेल में हैं। इस बीच पुलिस ने आरोपियों के स्थायी पते की वेरिफिकेशन के नाम पर समय की मांग की। तीनों छात्र कार्यकर्ताओं पर दिल्ली दंगे की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

मालूम हो कि हाईकोर्ट ने तीनों को बेल देते हुए पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की थी। कहा था कि विरोध के संवैधानिक अधिकार और आतंकवाद में फर्क होता है। इस फर्क का धुंधला पड़ना लोकतंत्र के लिए दुखद है। कोर्ट ने आज तीनों कार्यकर्ताओं को तुरत छोड़ने का आदेश देते हुए इसकी प्रति तिहाड़ जेल को भी भेज दी है।

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आज एडिशनल सेशन कोर्ट, करकरदूमा ने पुलिस की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपियों के पते की वेरिफिकेशन के लिए और समय मांगा गया था। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट के बेल के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सुप्राीम कोर्ट में अपील दायर की है।

इधर, सोशल मीडिया में लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि इस तरह किसी को जेल में रखना कहां तक उचित है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के डॉ कफील को भी बेल मिलने के बाद जेल से छूटने में वक्त लगा था। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि जेएनयू परिसर में घुसकर हमला करनेवाली कोमल शर्मा और उसके अन्य साथी आज भी खुले में गूम रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। उम्मीद है, आज शाम तक तीनों कार्यकर्ता जेल से बाहर आ जाएं।

By Editor