बजाइए थाली, आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा

कर्मचारियों ने जेएनयू में कम फीस के खिलाफ कितना वाट्सएप फारवर्ड किया था, महंगाई के समर्थन में कितना तर्क दिया था! खुश होइए, अब उनके भी अच्छे दिन आ गए।

कुमार अनिल

देशभर के कर्मचारियों ने खूब ताली-थाली बजाई थी। जेएनयू में कम फीस के खिलाफ इतनी आग उगली कि आज सारे मेडिकल कॉलेज, आईआईटी में फीस बढ़ गए हैं। वे महंगाई के समर्थन में भी सबसे आगे रहे। रेवड़ी कल्चर के खिलाफ भी मुखर रहे। कर्मचारियों का नंबर थोड़ा देर से आया, पर अब वे भी खुश हैं। सरकार ने कह दिया है कि आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है। सोचिए, देश का कितना पैसा बचेगा।

लेखक अशोक कुमार पांडेय ने एक अखबार की खबर शेयर करते हुए लिखा-बधाई हो कर्मचारियों। अगले चुनाव में और उत्साह से WhatsApp Forward करना।

कुछ कर्मचारी ऐसे भी थे, जो सातवें वेतन आयोग से संतुष्ट नहीं थे, उन्हें आठवां वेतन आयोग का इंतजार था। अब केंद्र सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में लिखित जवाब देकर स्पष्ट कर दिया है कि सरकार आठवां आयोग नहीं बनाने जा रही है। ये कर्मचारी भी खुश हो सकते हैं कि अब उन्हें इंतजार करने का परिश्मर नहीं करना पड़ेगा। महंगाई के खिलाफ वे चुप थे, सरकार जानती है कि ये चुप कौम अब भी चुप रहेगी।

मुकुंद वर्मा ने ट्वीट किया-सही फैसला है. सब “फ्री फंड” में ही चाहिए क्या, जबकि महंगाई है ही नही। दीपेंद्र राजा पांडेय ने लिखा- मोदी सरकार की जितनी भी जयकार की जाए, ज्यादा ही रहेगी। एक यूजर ने लिखा-रिटायर लोग पूरे दिन वॉट्सएप फॉरवर्ड करके धुआ धुआं कर देते थे।

रेलवे में सीनियर सिटिजन को टिकट पर मिलनेवाली छूट पहले ही समाप्त कर दी गई है। अच्छा है, देश के कर्मचारी संगठन भी पहले ही ध्वस्त हो गए हैं, इसलिए अब आठवें वेतन आयोग के लिए कोई हल्ला-गुल्ला बी नहीं करेगा। अब शांति से रिटायर कर्मी वाट्सएप पर हिंदू-मुस्लिम करते रहेंगे।

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