बलि की वेदी पर सिर्फ मुस्लिम नहीं, संविधान भी : 108 पूर्व नौकरशाह

देश के 108 पूर्व आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। कहा- बलि की वेदी पर सिर्फ मुस्लिम नहीं, संविधान भी।

नौकरशाह देश के हालात पर जल्दी नहीं बोलते, पर स्थिति इतनी भयानक हो गई है कि हमें बोलना पड़ रहा है। यह कहना है देश के 108 पूर्व नौकरशाहों का। उन्होंने प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि आज जिस तरह सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ावा दिया जा रहा है, उस परिस्थिति में बलि की वेदी पर सिर्फ देश के अल्पसंख्यक ही नहीं हैं, बल्कि देश का संविधान भी है। देश का संविधान, जिसे आजादी के आंदोलन में शामिल नेताओं ने बनाया, वह खतरे में है।

प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखनेवाले पूर्व नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव रहे टीकेए नायर शामिल हैं।

पत्र में इन नौकरशाहों ने कहा कि जिस तरह देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, वह सोची-समझी योजना के तहत हैं। देश का लोकतांत्रित-धर्मनिरपेक्ष ढांचा तबाह करके हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश हो रही है। जिन संस्थाओं को इन सांप्रदायिक घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी है, उन संस्थाओं में ही विकृति आ गई है। इन संस्थाओं को बहुसंख्यकवादी शासन प्रणाली बनाने का औजार बना दिया गया है।

इन पूर्व नौकरशाहों ने पत्र में लिखा है-पूर्व नौकरशाह के रूप में हम आम तौर पर ख़ुद को इतने तीखे शब्दों में व्यक्त नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तेज़ गति से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा तैयार संवैधानिक ढांचे को नष्ट किया जा रहा है, वह हमें बोलने और अपना ग़ुस्सा तथा दुख व्यक्त करने के लिए मजबूर करता है।

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी.वी श्रीनिवास ने पूछा कि क्या इन पूर्व नौकरशाहों को भी देशद्रोही कहा जाएगा?

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