बिहार सरकार ने अवैध बालू खनन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुये अब राज्य में एक व्यक्ति को अधिक से अधिक दो घाटों की बंदोबस्ती देने का निर्णय लिया है।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्ष में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत बालू खनन नीति में व्यापक बदलाव किये गये हैं।

श्री कुमार ने बताया कि बैठक में बिहार बालू खनन नीति, 2019 निरूपित करने की स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत अब कोई एक व्यक्ति पूरे राज्य में अधिकतम दो घाटों या कुल 200 हेक्टेयर क्षेत्र (दोनों में से जो कम हो) तक की बंदोबस्ती ले सकता है।

प्रधान सचिव ने बताया कि बिहार में अब बालू की कीमत बाजार मूल्य के आधार पर तय होगी। सरकार की ओर से तय की गई नई बंदोबस्ती नीति 01 जनवरी 2020 से लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बालू की खरीदारी की जा सकेगी।
श्री कुमार ने बताया कि नयी नीति के तहत बारकोड, क्यूआर कोड के साथ ई-चालान जारी किया जाएगा। रियल टाइम मैनेजमेंट सिस्टम डेवलप करते हुए बालू बंदोबस्ती की मासिक रिपोर्ट जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि बंदोबस्ती क्षेत्र में अवैध खनन के लिए सरकार संवेदक को जिम्मेदार मानेगी।
प्रधान सचिव ने बताया कि पटना जिले में अत्यधिक आर्सेनिक से प्रभावित मनेर बहुग्रामीय पाइप जलापूर्ति योजना के निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत 75.54 करोड़ रुपये की राशि को बढ़ाकर 108 करोड़ रुपये की राशि पर पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि खान एवं भूतत्व विभाग के विभिन्न ग्रेडों के पदों जैसे अपर निदेशक के एक, उप निदेशक के तीन, सहायक निदेशक के चार, खनिज विकास पदाधिकारी के 21, खान निरीक्षक के 66, सर्वेक्षक के तीन, प्रारूपक के दो, उच्चवर्गीय लिपिक के 23 एवं निम्नवर्गीय लिपिक के 56 अतिरिक्त पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

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