भारत बंद : कटिहार से चंपारण व भागलपुर से भभुआ तक असर

भारत बंद का देशभर में असर दिखा। किसानों के पक्ष में 5 लाख ट्वीट हुए, जबकि भाजपा समर्थक बंद को विफल बता कर 85 हजार ट्वीट ही कर सके।

भारत बंद के दौरान शेखपुरा में महागठबंधन कार्यकर्ता

आज सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक किसान और भाजपा आमने-सामने रहे। किसानों के आंदोलन के समर्थन में देश के हर प्रांत और हर जिले में प्रदर्शन, सड़क जाम हुए। वहीं, भाजपा समर्थक सोशल मीडिया पर बंद को विफल बताते रहे। लेकिन इस मंच पर भी आज वे किसानों से बहुत पीछे छूट गए। पूरी आईटी सेल मिल कर#भारत_खुला_है के साथ केवल 85 हजार ट्वीट ही कर सकी, जबकि किसानों के पक्ष में खबर लिखे जाने तक लगभग #आज_भारत_बंद_है के साथ पांच लाख ट्वीट हो चुके थे।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा-

सत्ता का पूंजीपतियों- दलालो से संबंध है सारे खेत तुम्हारे होंगे, सेठों से अनुबंध है तभी तो भारत बंद है!

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा- भारत कृषकों के परिश्रम से ताकत पाकर बढ़ने वाला कृषि प्रधान देश है। यह मुट्ठीभर पूंजीपतियों का क्रोनी कैपिटलिज्म प्रधान देश नहीं। घोर पूंजीवाद समस्त धन को मुट्ठीभर लोगों की झोली में डालता है जबकि किसान सबके लिए अन्न पैदा करता है। इसीलिए हम किसानों और #आज_भारत_बंद_है के साथ है

बिहार में आज भारत बंद का असर हर जिले में देखने को मिला। बंद के समर्थन में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के कार्यकर्ता सुबह से ही सक्रिय दिखे। सबह ही राजद कार्यकर्ताओं ने विधायक मुकेश रोशन के नेतृत्व में वैशाली में गांधी सेतु के रास्ते को जाम कर दिया, इससे पूरे उत्तर बिहार का संबंध राजधानी पटना से कट गया।

बिहार बंद का असर सुदूर पूर्वांचल को जिलों कटिहार, पूर्णिया में भी दिखा, तो चंपारण में भी कार्यकर्ता सक्रिय दिखे। सीतामढ़ी में महागठबंधन के दलों के साथ जय किसान आंदोलन के कार्यकर्ता भी बंद में सक्रिय रहे। कैमूर में विधायक सुधाकर सिंह के साथ ही विभिन्न दलों के नेता सक्रिय रहे। सुधाकर ने कहा-मैं तानाशाह मोदी सरकार के खिलाफ और अन्नदाता किसानों के साथ हूं…।

राजधानी पटना में हर दल के कार्यकर्ता बंद कराते, किसानों के पक्ष में नारे लगाते डाक बंगला चौराहा पहुंचे। आरा, बेगूसराय सीवान, समस्तीपुर में माले, भाकपा, माकपा का भी जोर दिखा। वैसे हर जिले में वाम कार्यकर्ता झंडे-बैनर के साथ सड़कों पर दिखे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश कटिहार में ज्यादा दिखा। कांग्रेस कार्यकर्ता भी हर जिले में सक्रिय रहे।

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