‘भारत जोड़ो’ से पहले कुछ और गुलाम छोड़ेंगे कांग्रेस

कांग्रेस के भारत जोड़ो और गुलाम के इस्तीफे में गहरा रिश्ता है। गुलाम ने राहुल गांधी को बच्चा बताते हुए इस्तीफा दिया। विपक्ष को कमजोर करने का यह चौथा मॉडल।

कुमार अनिल

देश में विपक्ष को कमजोर करने के तीन तरीके से लोग वाकिफ हो चुके हैं। गुलाम नबी का पांच पन्ने का इस्तीफा विपक्ष को कमजोर करने का चौथा मॉडल है। पहला मॉडल है- ईडी-सीबीआई का छापा जो सिर्फ विपक्ष के नेताओं के घर ही पड़ता है। दूसरा मॉडल- शिंदे और आरसीपी मॉडल से भी लोग परिचित हो चुके हैं। तीसरा मॉडल गुड़गांव के मॉल को तेजस्वी यादव का बताना है। इससे पहले राहुल गांधी के वीडियो को तोड़मरोड़ कर उन्हें राजस्थान में गर्दन काटनेवाला का हितैषी बताना था। बाद में कांग्रेस ने पत्रकारों पर मुकदमा भी किया। अर्थात तीसरा मॉडल है सोशल मीडिया लेकर गोदी मीडिया के टीवी चैनलों में विपक्ष के नेता के खिलाफ जानबूझ कर झूठ फैलाना। अब विपक्ष को कमजोर करने का चौथा मॉडल भी आपके सामने है।

विपक्ष को कमजोर करने का चौथा मॉडल है ठीक किसी अभियान से पहले किसी नेता का इस्तीफा करवाना और नेतृत्व पर हमला बोलना। 12 दिन बाद सात सितंबर से कांग्रेस का एक बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। केरल से भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है। उसके ठीक पहले गुलाम नबी ने पांच पन्ने का इस्तीफा लिखा। अमूमन लोग दो-चार पंक्तियों में इस्तीफा देते हैं। इसका शालीन तरीका यह है कि नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए खुद को अलग करना। लेकिन पांच पन्ने में इस्तीफा देना और इसमें राहुल गांधी पर मुख्य रूप से हमला करना, यहां तक कि उन्हें बचकाना बताना स्पष्ट करता है कि यह विपक्ष को कमजोर करने का नया मॉडल है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का देश में व्यापक असर होगा। इसलिए यात्रा से पहले कुछ और गुलाम कांग्रेस से आजाद हो जाएं, तो आश्चर्य नहीं।

हालांकि इससे जमीन पर कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। गुलाम नबी आजाद की कहीं जमीन नहीं है। कांग्रेस के पास जब ताकत थी, तो उन्हें वह कभी महाराष्ट्र तो कभी कहीं और सै राज्यसभा भेजती रही।

एक पत्रकार ने लिखा कि आजाद कांग्रेस से पूरी तरह आजाद हुए। जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ठीक ही कहा-यह भी तो हो सकता है कि कांग्रेस आज़ाद हुई।

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