बिहार बजट पेश, 2024 पर नजर, 10 लाख नौकरियों की रखी रूपरेखा

बिहार विधानसभा में सरकार का बजट पेश। ज्यादा जोर 10 लाख नौकरियां देने पर। दलित-पिछड़ों के साथ ही अल्पसंख्यकों पर नजर। मदरसों का होगा विकास।

बिहार विधानसभा में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को सरकार का बजट पेश किया। बजट में सबसे ज्यादा जोर 10 लाख नौकरियां देने पर। किस विभाग में कितनी होगी बहाली, कितने नए पद किए गए सृजित, अन सबका विस्तार के साथ विवरण भी दिया। दलित-पिछड़ों के साथ ही अल्पसंख्यकों पर नजर। मदरसों के विकास के लिए अलग से फंड का प्रावधान किया।

बिहार सरकार के बजट में युवाओं पर फोकस है। ज्यादा जोर 10 लाख नौकरियों के वादे को पूरा करने पर दिखा। पुलिस विभाग में नई बहालियां खूब हैं। इस विभाग में 75 हजार 543 पदों की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही शिक्षा क्षेत्र में भी युवाओं को नई नौकरी के अधिक मौके होंगे। स्कूलों में 40, 506 प्रधान शिक्षकों की बहाली होगी। BPSC में 49000 पद और SSC में 2900 पद सृजन करने का फैसला लिया गया है। 63900 पदों पर बहाली का बजट में प्रावधान।

महागठबंधन सरकार का पहला बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि राज्य की नीतीश सरकार मदरसा और संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ देगी। इसके साथ ही मदरसों के विकास के लिए अलग से फंड का प्रावधान किया गया है। बिहार के सभी जिलों में अल्पसंख्यक स्कूल खोले जाएंगे। किशनगंज और दरभंगा जिले में स्कूल तैयार हो चुका है।

सरकार की अन्य बड़ी घोषणाओं में एक है बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में 1379 छोटे स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण होगा। बिहार में 8 से 10 पंचायत के बीच पंचायतों में पशु अस्पताल का निर्माण होगा।

बजट में हर वर्ग के लिए कुछ करने की कोशिश की गई है, लेकिन जोर युवाओं पर साफ देखा जा सकता है। सरकार की नजर 2024 लोकसभा चुनाव पर है। इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि वित्त मंत्री ने बताया कि जाति जनगणना का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है तथा दूसरा चरण भी समय पर पूरा होगा। अर्थात 2024 में जातीय जनगणना के निष्कर्षों के अनुसार अतिपिछड़ों-पिछड़ों को केंद्र कर नई योजनाएं शुरू होंगी, जिससे राज्य की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ना तय माना जा रहा है।

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