RSS की जांच विवाद के बीच नीतीश के कम्युनलिज्म,क्राइम, करप्शन पर हमलावर रुख के क्या मायेने हैं ?

RSS की जांच के संबंध में बिहार सरकार की चिट्ठी सार्वजनिक होने पर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोर दे कर कहा है कि उनकी सरकार करप्शन, कम्युनलिज्म और क्राइम से कत्तई समझौता नहीं करेगी.

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में लम्बी बहस के दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार किसी भी हाल में कम्युनलिज्म, क्राइम और करप्शन को बर्दाश्त नहीं करेगी. मुख्यमंत्री का यह बयान तब आया है जब पिछले दिनों स्पेशन ब्रांच के एसपी की एक चिट्ठी सार्वजनिक हुई है जिसमें उन्होंने मातहत अफसरों को निर्देश दिया था कि वे (RSS) आरएसएस ( राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ) तथा उससे जुड़े अन्य 19 संगठनों के पदाधिकारियों की सूची, उनके नाम व काम के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठी करें.

 

Also Read RSS से जुड़ी जानकारी एकत्र कर रही है सरकार

इस चिट्ठी के सार्वजनिक हो जाने के बाद भाजपा ने सरकार पर सवाल उठाया. पार्टी के विधायक संजय सरावगी ने असेम्बली में कहा कि राएसएस जैसे देशभक्त पार्टी के बारे में किसी तरह की जांच करना खेद की बात है. इस चिट्ठी के सार्वजनिक हो जाने के बाद मीडिया में तरह-तरह की अटकले लगाई जाने लगीं.

चिट्टी हुई सार्वजनिक

विवाद बढ़ने के बाद स्पेशल ब्रांच के एडीजी जेएस गंगवार को सामने आना पड़ा और प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने सफाई दी. उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी स्पेशल ब्रांच के एसपी के स्तर से जारी की गयी है और इसके संबंध में उच्चस्तर से कोई निर्देश नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी के फार्मेट, पत्र जारी करने का तरीका उचित नहीं था लिहाजा सरकार इसकी जांच करेगी.

 

यह भी पढ़ें- नीतीश की मंडली में दो गंगवार का जलवा

स्पेशल ब्रांच द्वारा यह चिट्ठी 28 मई को जारी की गयी थी. इसके दो दिन बाद केंद्र में मोदी सरकार का गठन हुआ था. इस चिट्ठी के आधार पर मीडिया में तरह-तरह की अटकलबाजियां शुरू हो गयी हैं और इसे भाजपा-जदयू के बीच रिश्ते में बढ़ते खटास के तौर पर देखा जा रहा है.

इस बीच मुख्यमंत्री ने जिस जोरदार तरीके से कम्युनलिज्म, क्रप्शन और क्राइम से समझौता नहीं करने की बात कही है, उससे लगता है कि आरएसएस तथा उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों को रोकने की तैयारी है.

आप को याद दिला दें कि एक साल पहले वसंतपचंमी से पहले बिहार में बड़ी संख्या में तलवारों की आनलाइन खरीददारी की गयी थी. इसी दौरान राज्य के कई जिलों में साम्प्रादायिक हिंसा हुई थी.

हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण के दौरान किसी संगठन का नाम नहीं लिया लेकिन उनका संदेश स्पष्ट था कि उनके नेतृत्व वाली सरकार कम्युनलिज्म पर कोई समझौता नहीं करेगी.

 

 

By Editor