बिहार के सदर अस्पतालों में बुजुर्गों के इलाज के लिए अलग वार्ड

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग ने सभी सदर अस्पतालों में बुजुर्गों के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाने का निर्णय लिया। किन रोगों का होगा इलाज?

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। तेजस्वी यादव पढ़ाई, दवाई, कमाई पर जोर देते रहे हैं। अव उनके विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सभी सदर अस्पतालों में बुजुर्गों के लिए अलग से वार्ड बनाया जाएगा, जिसमें बुजुर्गों को होने वाले आम रोगों का इलाज किया जाएगा।

नीतीश -तेजस्वी सरकार ने राज्य के सभी सदर अस्पतालों में बुजुर्गों के लिए जेरिएट्रीक वार्ड खोसस्थापित करने का निर्णय लिया है। राज्य में 36 सदर अस्पताल हैं। इन सभी अस्पतालों में जेरिएट्रीक वार्ड स्थापित किए जाएंगे। यहां बुजुर्गों को होनेवाली आम बीमारी के इलाज की विशेष व्यवस्था होगी। इस वार्ड में मधुमेह, पेशाब में परेशानी, गठिया और इसी तरह के रोगों का विशेष इलाज होगा, जो बुजुर्गों में आम तौर से पाया जाता है।

राज्य सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा गरीब और मध्य वर्ग के परिवार को होगा। इन परिवारों के बुजुर्गों को अब सदर अस्पताल में इलाज की पूरी सुविधा निःशुल्क दी जाएगी। यहां बुजुर्गों को इन बीमारियों से संबंधित दवाएं भी दी जाएंगी। इससे इन परिवारों को निजी अस्पतालों में महंगे इलाज के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

राज्य सरकार के इस निर्णय पर जदयू ने कहा-बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही नीतीश सरकार…बुजुर्गों के उचित इलाज के लिए हर सदर अस्पतालों में बनेंगे जेरिएट्रिक वार्ड.. फ्री होगा हर बीमारी का इलाज। इससे पहले तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें राज्य में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के टास्क दिए। स्वास्थ्य विभाग राज्य के अस्पतालों में सुधार प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी कर रहा है और फीडबैक बी ले रहा है। बुजुर्गों के लिए अलग वार्ड की घोषणा स्वास्थ्य विभाग में सुधार की इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।

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