तेजस्वी ने बताया 10 लाख नौकरियां देने के लिए कहाँ से आयेगा पैसा

शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट

महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार एवं राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बता दिया है कि बिहार के बेरोजगारों को दस लाख नौकरियां देने के लिए पैसे कहाँ से आएंगे. बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने पैसों की कमी का हवाला देते हुए इस घोषणा को चुनावी गिमिक करार दिया था.

तेजस्वी यादव ने आज बिहार के युवाओं को दस लाख नौकरी देने के लिए देने के वादे को पूरा करने के लिए विस्तृत प्लान पेश किया है. तेजस्वी के अनुसार बिहार सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है. बिहार सरकार बजट की 40 % राशि खर्च ही नहीं कर पाती है और 80 करोड़ बिना खर्च हुए रह जाते हैं जिसका इस्तेमाल लाखों युवाओं को नौकरियां देने के लिए किया जायेगा.

तेजस्वी ने बिहार में लाखों नौकरियां सृजित करने के लिए पैसों की कमी को नकार दिया है. उन्होंने आज रोज़गार के मुद्दे पर अनेक ट्वीट किये. इन ट्वीट में उन्होंने न सिर्फ रोज़गार सृजित करने के लिए विस्तृत प्लान पेश किया वहीं बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार भ्रष्टाचार के माध्यम से राजस्व हानि कराने का आरोप भी लगाया. जिसका इस्तेमाल विकास कार्यों और रोज़गार सृजन के लिए हो सकता था पर ऐसा नहीं किया गया.

पहला और दूसरा ट्वीट – बताया दस लाख नौकरी के लिए पैसे कहाँ से आएंगे

“नीतीश जी, आजकल कुछ भी बोल रहे है।शायद वो भूल गए है कि बिहार का वित्तीय बजट 2,11,761 करोड़ है, जिसका 40% उनकी सरकार अपनी ढुलमुल,ग़ैर-ज़िम्मेदारना, भ्रष्ट और लचर नीतियों के कारण खर्च ही नहीं कर पाती है और अंत में नाकामियों के कारण 80 हज़ार करोड़ रुपये हर वर्ष सरेंडर होता है”।

तेजस्वी को मिल रहे अपार जनसमर्थन को छुपा रहा गोदी मीडिया

“कोई कार्यकुशल सरकार लगभग 40 फ़ीसदी बजट राशि हर वर्ष सरेंडर क्यों करेगी? आदरणीय नीतीश जी और सुशील मोदी जी, हम इस विशालकाय राशि का प्रयोग आपकी तरह लुभावने जातीय वोट बैंक बनाने की बजाय नए विकास कार्यों और लाखों नई नौकरियों के वेतन के रूप में कर सकते हैं”।

तीसरा और चौथा ट्वीट – नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार, विज्ञापनी प्रचार और क्रोनि कैपिटलिज्म के कारण होती है बहुत बड़ी राजस्व हानि

“नीतीश जी और सुशील मोदी को बजट का कैसे पता चलेगा? इनके कार्यकाल में सृजन, धान, तटबंध घोटाले सहित 30000 करोड़ के 60 घोटाले हुए है। यानि इन्होंने बिहार का 30 हज़ार करोड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। इन घोटालों को स्वयं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी विगत चुनाव में स्वीकार कर चुके है”।

“नीतीश-सुशील मोदी जी, आपने- 30000 करोड़ 60 घोटाले में बर्बाद किया 500 करोड़ चेहरा चमकाने हेतु विज्ञापन पर 24500 करोड़ जल जीवन हरियाली के नाम पर कार्यकर्ताओं को बाँट दिया। 10000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी शराबबंदी के नाम पर चला रहे है। मानव शृंखला पर हज़ारों करोड़ लुटा दिया”।

पांचवां ट्वीट – बताया बिहार में कैसे आयेगी खुशहाली

“हमारी सरकार बिना भ्रष्टाचार पूरी पारदर्शिता से एक एक पैसा सही कार्य में लगाएगी, राज्य की उत्पादकता बढ़ाएगी, पूंजीपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर नए उद्योग लगाएगी और राज्य की आय कई गुणा बढ़ाएगी”।

तेजस्वी के प्लान का विश्लेषण करने से पता चलता है कि रोज़गार सिर्फ रोज़गार नहीं बल्कि राज्य की रुकी हुई अर्थवय्वस्था में जान डालने कि एक नीति भी है. नौकरियों से लोगों के पास पैसे आएंगे और आर्थिक गतिविधियाँ बढेंगी जिससे निवेशकों का भरोसा बिहार पर बढेगा. इससे नए उद्योग खुलेंगे जिससे बिहार के युवाओं को रोज़गार भी मिलता रहेगा और बिहार सरकार को राजस्व.

तेजस्वी द्वारा दस लाख नौकरी के वादे पर उन्हें अपार जनसमर्थन मिल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर तंज़ कसते हुए कहा था कि इसके लिए पैसे कहाँ से आएंगे. बिहार के वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी तेजस्वी द्वारा दस लाख ( 10 Lakh Jobs) नौकिरयां देने के वादे पर पूछा थाकि इतनी नौकरियों के लिए अतिरिक्त 58 हजार करोड़ रुपये कहां से लायेगा विपक्ष ?

आज भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया जिसमें तेजस्वी द्वारा 10 लाख नौकरियों के वादे का दबाव साफ़ साफ़ दिखा है. भाजपा ने भी अपने घोषणा पत्र में रोज़गार देने की बात कही है.

तेजस्वी ने आज एक डिटेल्ड प्लान प्रस्तुत किया. इसमें उन्होंने बताया कि बिहार में लाखों नौकरियां सृजित करने के लिए पैसे कहाँ से आएंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार, घोटालों और सरकारी विज्ञापनों पर जो पैसे बिहार सरकार खर्च करती है उसका सदुपयोग विकास कार्यों के लिए किया जायेगा.

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By Editor