सोशल मीडिया से नफरत, घृणा, अफवाह और यहां तक कि साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने वालों के खिलाफ बिहार पुलिस को अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने की मुहिम शुरू हुई है. राज्य भर के हर जिले के कम से कम दो पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को साब्रक्राइम के विरुद्ध अभियान की कमान सौपी जायेगी. इसके लिए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई द्वारा विशेष ट्रैनिंग कैम्प का आयोजन पटना के बीएमपी मुख्यालय में आयोजित की गयी.

इस कार्यशाला में राज्य के चुनिंदा 150 पुलिसकर्मियों व अधिकारियों  को रविवार व सोमवार को विशेष कार्यशाला में प्रशिक्षित किया गया. फेसबुक पर फेक अकाउंट की पहचान, विवादस्पद पोस्ट, संगठित अपराधियों के व्हाट्सऐप  व फेसबुक ग्रूप की पहचान के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले अत्याधुनिक टूल्स की समझ विकसित करने के लिए प्रशिक्षकों ने विस्तार से चर्चा की.

कार्यशाल का उद्घाटन ईओयू के एडीजी   जितेंद्र सिंह गंगवार ने की.

भारते के 24 करोड़ लोग फेसबुक के दीवाने

कार्यशाला की शुरूआत में ईओयू के एएसपी सुशील कुमार ने सोशल मीडिया के लगातार बढ़ते रुझानों पर एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने बताया कि भारत दुनिया में फेसबुक का सबसे बड़ा यूजर देश बनके उभरा है. ऐसे में साइबर क्राइम की चुनौतियां भी यहां काफी बढ़ी हैं. सुशील कुमार सोशल मीडिया के यूज और मिसयूज की बारीकियों को उल्लेख करते हुए बताया कि हम सोशल मीडिया को बैन नहीं कर सकते लेकिन इसके मिसयूज को पूरी सतर्कता के साथ मानिटर करके साइबर अपराध को नियंत्रित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में फेसबुक पर 24 करोड़ लोग आ चुके हैं जो दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है. दूसरे स्थान पर अमेरिका है. सुशील ने कहा कि सोशल मीडिया, पारम्परिक मीडिया से भी ज्यादा सशक्त मीडिया बनके उभरा है और इसके कारण अपराध से जुड़े कानूनों में भी संशोधन करना पड़ा है.

इस कार्यशाला में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को चिन्हित किया गया. जैसे को व्यक्ति फेक आईडी से भड़काऊ कंटेंट पोस्ट करता है तो उसे कैसे ट्रैक किया जाये. अधिकारियों को उन टूल्स की जानकारी दी गयी जिसके मध्यम से पोस्ट अपलोड करने वाले के लोकेशन, उसकी आईडी और उसके तमाम डिटेल्स समेत उस व्यक्ति तक दबिश दी जा सके. इस अवसर पर स्नेहा गुप्ता ने कुछ महत्वपूर्ण टूल्स के बारे में विस्तार से चर्चा की.

क्रिकेट, फिल्म,धर्म के बाद अब सोशल मीडिया की दीवानगी

वहीं नौकरशाही डॉट कॉम के एडिटर इर्शादुल हक ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और पुलिस महकमे द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग की संभावनाओं पर बात की. उन्होंने कहा कि  भारत में क्रिकेट, फिल्म और राजनीति और धर्म के बाद अब सोशल लोगों में नयी दीवनगी के रूप में सामने आया है जहां धर्म राजनीति, क्रिकेट समेत तमाम पहलू एक जगह सिमट गये हैं ऐसे में सोशल मीडिया जहां बड़ा वरदान बनके उभरा है वहीं इसके कारण कानून व्यवस्था एक नयी चुनौती के रूप में सामने आयी है.

दो दिवसी प्रशिक्षण के दौरान जहां साइबर अपराधियों की पहचान पर चर्चा हुई वहीं साइबर कानून से जुड़े पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पटना हाईकोर्ट के वकील सांतनु कुमार ने साइबर कानून पर बात रखी तो CDAC से अनुज सिंह , संजीव कुमार, राजेश कुमार आदि ने साइबर क्राइम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन दिनांक 28.01.2018 को एडीजी आर्थिक अपराध इकाई श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री जितेन्द्र कुमार, एडीजी आधुनिकीकरण, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवायें उपस्थित थे।

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By Editor