भाजपा छोड़ते ही स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अरेस्ट वारंट

कल यूपी के बड़े नेता और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा दिया और आज उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो गया।

यूपी के बड़े इलाके में प्रभाव रखनेवाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कल योगी मंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा दिया और आज उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो गया। यह अरेस्ट वारंट 2014 के एक मुकदमे के सिलसिले में है। मौर्य पर एक भाषण के दौरान धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगा था। तब वे बसपा में थे और उन्होंने पूजा-पाठ न करने को कहा था। अरेस्ट वारंट सुल्तानपुर कोर्ट ने दिया है।

जैसे ही अरेस्ट वारंट की खबर आई, सोशल मीडिया पर इसे भाजपा का षडयंत्र कहा जा रहा है। लोग अरेस्ट वारंट को उनके भाजपा छोड़ने से जोड़कर देख रहे हैं।

भाजपा के लिए यह नया नहीं है। वह बंगाल में भी ऐसा कर चुकी है। सीबीआई, ईडी का छापा पड़ना आम है। यूपी में भी सपा के करीबी व्यापारी पर छापा मारा गया। इससे पहले भाजपा ने नाम की गलतफहमी में अपने ही समर्थक व्यवसाई के घर छापा मरवाया, जिसमें दीवारों में नोट मिले थे। बाद में क्या हुआ, इसकी जानकारी आनी ही बंद हो गई। गोदी मीडिया ने इस खबर को दिखाना ही बंद कर दिया।

उधर, स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज कहा कि वे 14 जनवरी को सपा की सदस्यता लेंगे। उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह है कि इससे स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में सहानुभूति ही बढ़ेगी, जिससे उन्हें लाभ होगा। वहीं इससे भाजपा को भारी नुकसान होना माना जा रहा है। भाजपा पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप पहले से ज्यादा लगेगा, जिससे उसकी परेशानी बढ़ेगी। आज एक और पिछड़े समाज के मंत्री दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया। अभी यह कड़ी और भी लंबी खिचेगी।

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