BJP की नफरती सियासत के खिलाफ 27 को सड़क पर उतरेगा JDU

संघ-भाजपा की हिंदू-मुस्लिम नफरत की राजनीति के खिलाफ जदयू ने किया बड़ा एलान। 27 सितंबर को हर प्रखंड में सद्भाव बिगाड़ने की साजिश के खिलाफ मार्च।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता भाजपा द्वारा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए 27 सितंबर 2022 को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर सतर्कता एवं जागरुकता मार्च करेंगे। इसमें पार्टी के सभी नेता, विधानमंडल दल के सदस्य तथा पार्टी एवं प्रकोष्ठों के तमाम पदाधिकारी भाग लेंगे। प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रवक्ता डाॅ. सुनील कुमार, परिमल कुमार एवं अंजुम आरा भी उपस्थित रहे।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस मार्च का उद्देश्य केंद्र सरकार की गलत नीति, खोखले आश्वासन, कुटिल चाल, भाजपा की साजिश एवं उसके गलत मंसूबे से आम लोगों को अवगत कराना है। भाजपा आरएसएस के एजेंडे पर कार्य कर रही है, संविधान के संघीय ढांचे को नष्ट कर रही है। भारतीय संविधान को कुचल कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। भारतीय संविधान इस तरह के एजेंडों को अनुमति नहीं देती, धर्मनिरपेक्षता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। आज भारत की धर्मनिरपेक्षा खतरे में है।

उमेश सिंह कुशवाहा ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण आज महंगाई चरम पर है, महंगाई की मार से जनता का हाल बेहाल है। बीते 8 वर्षों में खाने से लेकर ईंधन तक की कीमतों में बेतहाशा तेजी के कारण गरीबों का चूल्हा जलना कठिन हो गया। भारत में पहली बार चावल, आटा, छाछ, दही, पनीर इत्यादि पर जीएसटी लगाया गया, इससे गरीब कुपोषण एवं भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। देश में बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी एवं कुपोषण आज चरम पर है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि प्रधानमन्त्री जी बनावटी भाषण तो देते हैं लेकिन आज तक उनके सभी भाषण जुमले और खोखले रहे हैं। मोदी जी बोले महंगाई कम करेंगे पर महंगाई बढ़ा दिया। बोले गरीबी मिटा देंगे पर गरीबी और बढ़ा दिया। बोले करोड़ो रोजगार दूंगा पर बड़े पैमाने पर रोजगार छीन लिया। सरकारी वैकेंसी लगातार कम कर रहे हैं।

दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने का वादा जुमला हो गया। बेरोजगारी पिछले 45 साल के रिकाॅर्ड तोड़ चुकी है। बोले देश नहीं बिकने देंगे पर सब कुछ बेचने पर उतारू हैं। लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को पूँजीपतियों के हाथ बेच रहे हैं। पूंजीपतियों का कर्ज माफ कर उन्हें और अमीर बनाया। मोदी सरकार ने 140 लाख करोड़ कर्ज लिया जो औसतन प्रत्येक भारतीय पर एक लाख का कर्ज होता है। लोगों ने कर्ज लिया नहीं पर कर्जदार हो गए। भारत के अन्नदाता किसान हताश एवं परेशान हैं, आत्महत्या करने पर विवश है। बोलते हैं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर नारी अत्याचार पर मौन हो जाते हैं और बलात्कारियों को क्षमा दान देते हैं।

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