शराबबंदी के चपेटे में भाजपा सांसद के बेटे के आने के बाद बिहारी सियासत में बयानबाजियों का तूफान मच गया है. नशे की हालत में यह अब तक की सबसे हाईप्रोफाइल गिरफ्तारी है और दिलचस्प बात यह है कि इस गिरफ्तारी के शिकार सत्तारूढ़ दल के सांसद का बेटा हुआ है.

जदयू प्रवक्ता नीरज व राजद नेता भाई वीरेंद्र

गया से भाजपा सांसद हरि मांझी के बेटे राहुल  को बोधगया पुलिस ने  उसके एक साथी के साथ रविवार को गिरफ्तार किया. राहुल को हवालाता में डाल दिया गया है. 2016 अप्रैल में पूर्ण शराबंबदी के बाद, कहा जा रहा है कि अब तक 90 हजार लोग अरेस्ट हुए हैं. लेकिन सांसदपुत्र की गिरफ्तारी का यह पहला मामला है. लिहाजा इस पर स्वाभाविक रूप से सियासी बयानबाजियों का तूफान मचना था, सो मच गया है.

गया की एसपी  गरिमा मलिक ने कहा है कि राहुल के मेडिकल टेस्ट से स्पष्ट है कि वह नशे में थे. उन्हें गिरफ्तार कर  लिया गया है. इस गिरफ्तारी के बाद जहां भाजपा बैकफुट पर आ गयी है वहीं विपक्षी राजद आक्रामक हो गया है. उसकी आक्रामकता का ऐंगल जरा अलग है. राजद सवाल उठा रहा है कि अगर राज्य में पूर्ण शराबबंदी है तो सांसदपुत्र को शराब कहां से मिली?  लगे हाथों राजद विधायक भाई वीरेंद्र सवाल दाग रहे हैं कि इस गिरफ्तारी से साफ है कि राज्य में शराब खुले आम बिकती है. वह कहते हैं- पहले शराब की होम डिलेवरी होती थी, अब बेडरूम डिलेवरी हो रही है. उधर जदयू व भाजपा के नेता  इसे कानून के राज की जीत बता रहे हैं.

 

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि शराबबंदी का ही असर है कि बिहार में सांसद के बेटे भी शराब के नशे में पकड़े जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है. नीरज कुमार ने कहा कि हम राजद की तरह अपराधियों को बचाने का प्रयास नहीं करते हैं. नीरज कुमार ने कहा कि राजद लोगों को गुमराह करने का काम करती है. राजद नेता कि तेजस्वी यादव के पास शराब उन्मूलन का कोई मंत्र है तो हमें दे दें. उधर भाजपा नेता का कहना है कि कानून का उल्लंघन करने वाला कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जायेगा.

लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार भाई वीरेंद्र के इस सवाल का जवाब देगी कि बिहार में शराब आसानी से मिलती है?  पिछले दो वर्षों में  दो सौ से ज्यादा ऐसे मामले सामने आये हैं जिससे यह पता चलता है कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद हर दिन कहीं ना कहीं शराब की खेप पकड़ी जाती है.

मीसा भी कूदीं

उधर राजद सांसद मीसा भारती ने भी इस मामले पर नीतीश सरकार की चुटकी ली और कहा- यह गौरतलब होगा कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर अहं-पुष्टि को लागू तालिबानी कानून में यह जनाब कितने दिन जेल में रहेंगें! उल्लेखनीय है कि सिर्फ़ कमज़ोर वर्गों के सवा लाख लोग इस कानून के कारण राज्य के जेलों में बंद हैं या जमानत पर हैं।

उधर इस मामले में भाजपा सांसद हरि मांझी एक अलग तरह का तर्क ले कर सामने आये हैं. उनका कहना है कि उन्होंने डीआईजी से शिकायत की थी कि गया में शराब माफिया का कारोबार जोरों से चल रहा है इसे रोकिए. उनका कहना है कि मेरी शिकायत के बाद मेरे ही बेटे को फंसा दिया गया.

 

 

 

By Editor