भाजपा ने सम्राट अशोक का अपमान कर देश का अपमान किया: राजद

राजद ने कहा कि सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ कुशवाहा समाज का अपमान नहीं, बल्कि भारत व भारतीय गणतंत्र का अपमान है। देश की महान विरासत का अपमान है।

कुमार अनिल

सबसे पहले राजद ने ही सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने का विरोध किया। अब पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्वाभिमान, गणतंत्र और पश्चिम में पूरब की महान छवि से जोड़ दिया है। राजद ने कहा कि सम्राट अशोक का अपमान करके भाजपा ने दरअसल देश का अपमान किया है, भारतीय गणतंत्र के प्रतीक का अपमान किया है और पश्चिमी देशों में बुद्ध, सम्राट अशोक के कारण बनी विशेष छवि पर कालिख पोती है।

राजद ने ट्वीट किया-जब कोई मुद्दा राष्ट्रीय गौरव से जुड़ा हो, तब राजद न सिर्फ आगे बढ़कर आवाजा उठाता रहा है, बल्कि उससे बी आगे जाने को तैयार रहा है। महान सम्राट अशोक और उनकी अद्वितीय विरासत हमारे लोकतंत्र का प्रतीक रही है, बहुजन गौरव है और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की ताकत रहा है। इस महान विरासत पर कोई भी हमला कभी बरदाश्त नहीं किया जाएगा। राजद जल्द ही एफआईआर दायर कर सकता है।

राजद ने अपने ट्वीट के साथ ही दो अखबारों की खबर भी शेयर की है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार सम्राट अशोक को औरंगजेब जैसा बतानेवाला पूर्व आईएएस दया प्रसाद सिन्हा भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का संयोजक है।

राजद ने यह खबर इसलिए सेयर की, क्योंकि मामला तूल पकड़ने के बाद बिहार भाजपा के नेता कह रहे हैं कि सिन्हा से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। राजद ने अखबार के जरिये दिखा दिया कि वह भाजपा से जुड़ा है।

यहां यह भी ध्यान देना जरूरी है कि कल तक भाजपा के सारे नेता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को संघ से जुड़ा मानने को तैयार नहीं थे। आज सारे समर्थक और भाजपा के सांसद तक गोडसे जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं।

कहने को धर्म संसद में 20 लाख मुसलमानों के कत्लेआम की बात करनेवाले यति को भी भाजपा कह सकती है कि वह भाजपा का सदस्य नहीं है। लेकिन अब शायद कोई मूर्ख भी समझ सकता है कि किस प्रकार यति से लेकर सुल्ली बाई-बुल्ली बाई एप बनानेवाले मुसलमानों के खिलाफ घृणा फैला रहे हैं। और ये सभी एक ही धारा के नफरती हैं। उद्देश्य भी एक ही है भारत के संविधान, लोकतंत्र को खत्म करके मनु स्मृति लागू करना और हिंदू राष्ट्र बनाना।

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