उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्ववर्ती राजद सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि शेषन-संस्कारित चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रयोग से जब चुनाव को बूथलूट से मुक्ति दिला दी है, तब महागठबंधन के लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “जो लोग बूथलूट के बल पर राज कर रहे थे और मतपेटी से जिन्न निकलने की शेखी बघारते थे, उनके दिन लद गए। शेषन-संस्कारित चुनाव आयोग ने ईवीएम के प्रयोग से जब चुनाव को बूथलूट से मुक्ति दिला दी है, तब महागठबंधन के लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं।“

श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 1990 से 1996 के जिस दौर में श्री टी. एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त थे, उस समय बिहार में श्री लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे और प्रदेश बूथलूट से चुनावी हिंसा तक के लिए बदनाम था। श्री शेषन की सख्ती से परेशान श्री यादव ने बिहारियों को गाली देने का मनगढंत आरोप लगाते हुए विधानसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया था, लेकिन वे उस महान प्रशासक को सच्चाई के रास्ते से विचलित नहीं कर पाये।
भाजपा नेता ने कहा कि श्री शेषन न होते तो न चुनाव आयोग सशक्त होता, न बिहार में निष्पक्ष चुनाव होते और न विकास का दौर शुरू करने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार आती। उन्होंने कहा कि श्री यादव एवं उनकी पत्नी श्रीमती राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में 1990 से लेकर 2004 तक हुए लोकसभा, विधानसभा एवं पंचायत के कुल नौ चुनावों की हिंसक घटनाओं में 641 लोग मारे गए थे वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में 39 स्थानों पर फायरिंग हुई थी तथा चुनावी हिंसा में 61 लोग मारे गए थे।
श्री मोदी ने कहा कि भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त श्री शेषन ने देश को पहली बार चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की वास्तविक शक्ति से परिचित कराया और बैलेट पेपर से मतदान वाले दौर में होने वाली बूथ-लूट और चुनावी हिंसा को रोकने में प्रभावी भूमिका निभायी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया को विश्वसनीय बनाने में श्री शेषन के योगदान हमेशा याद किये जाएंगे। बिहार की जनता की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

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