Breaking : 2024 की तैयारी, यूपी के लिए JDU ने बनाया प्लान

यूपी में कुर्मी आबादी साढ़े सात फीसदी है, जो चुनाव में हार-जीत प्रभावित कर सकती है। JDU ने कुर्मी मंत्री को यूपी की बागडोर सौंपी। 2024 के लिए बनाया प्लान।

ऊपर से देखने में लगता है कि नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए कुछ खास नहीं कर रहे हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। वे सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं और जिस खेल में भाजपा अपने को निपुण मानती है, उसी खेल से उसे सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। भाजपा हर राज्य में विरोधी दलों के वोट बंट जाने का उपाय करती है। अब नीतीश कुमार ने यूपी में भाजपा के वोट में हिस्सेदारी की रणनीति बना ली है।

अघोषित रूप से देश भर के कुर्मी मतदाताओं में यह मैसेज जा चुका है कि 2024 में भाजपा को बहुमत नहीं मिला, तो गठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार भी हो सकते हैं। कुर्मी मतदाता उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा भी रखता है। इसी इच्छा को आधार देने के लिए नीतीश कुमार ने यूपी के लिए विशेष रणनीति बनाई है। उन्होंने अपने कुर्मी जाति के ही एक वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार को यूपी का प्रभारी नियुक्त किया है।

बिहार सरकार के मंत्री और यूपी के प्रभारी श्रवण कुमार ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि बहुत जल्द यूपी में जदयू का सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा। यूपी में साढ़े सात फीसदी कुर्मी आबादी हैै। वहां कुर्मी जाति पटेल, गंगवार, सचान, निरंजन, कटिहार, चौधरी और वर्मा आदि कई उपनामों से जाने जाते हैं। ये जातियां मुख्यतः किसानी करती हैं। उनकी आबादी पूर्वी यूपी से लेकर मध्य यूपी तक है। पूर्वी यूपी में बनारस और इसके आस-पास के इलाके में ये मतदाता जीत-हार को प्रभावित करने की स्थिति में हैं।

यूपी में जदयू के उतरने से भले ही वह कोई सीट जीत पाए या नहीं, लेकिन दो काम निश्चित रूप से कर सकती है। पहला, जदयू को अच्छा वोट मिला, तो पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता दिलाने में मदद मिलेगी, जिसके लिए पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह कई बार संकल्प जता चुके हैं। दूसरा यह कि जदयू के मजबूती से लड़ने से भाजपा की कई सीटें फंस जाएंगी। दिल्ली की गद्दी से भाजपा को दूर रखने में यूपी का बड़ा रोल हो सकता है।

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