Breaking : RCP नहीं, पूर्व IAS मनीष जा सकते हैं राज्यसभा

नीतीश कुमार के तरकश में कितने तीर हैं, इसे समझना आसान नहीं। पूर्व IAS मनीष वर्मा को रास भेजकर एक तीर से तीन निशाने हो सकते हैं। जानिए कौन हैं मनीष-

कुमार अनिल

बिहार की राजनीति में आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि आरसीपी सिंह को राज्यसभा का टिकट नहीं मिला, तो किसे मिलेगा? नौकरशाही डॉट कॉम को सूत्रों ने बताया कि आरसीपी सिंह की जगह मनीष वर्मा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। आरसीपी सिंह और मनीष वर्मा की ‘कुंडली’ भी मिल रही है। मनीष वर्मा भी आईएएस रह चुके हैं। उन्होंने भी आरसीपी की तरह कार्यकाल समाप्त होने के पहले ही नौकरी से अवकाश (वीआरएस) ले लिया। आरसीपी जिस जाति के हैं, मनीष वर्मा भी उसी जाति के हैं और यही नहीं, आरसीपी सिंह की तरह मनीष वर्मा भी नालंदा के ही रहनेवाले हैं।

मनीष वर्मा को राज्यसभा भेजने का अर्थ है कि वे केंद्र में मंत्री भी बनेंगे। उन्हें राज्यसभा भेजा गया, तो आरसीपी, ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा तीनों ही निरुत्तर हो जाएंगे। मुख्यमंत्री का सामाजिक आधार और खासकर नालंदा का सामाजिक आधार भी नाराज नहीं होगा। इस तरह मनीष वर्मा को राज्यसभा भेजकर नीतीश कुमार एक तीर से कई निशाने साध सकते हैं।

मनीष वर्मा वर्ष 2000 के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें बिहार बुलाया। वे वीआरएस ले चुके हैं। उन्हें मुख्यमंत्री ने यूं ही तो बिहार नहीं बुलाया होगा! मुख्यमंत्री ने मनीष वर्मा के लिए एक नया पद ‘मुख्यमंत्री का अतिरिक्त परामर्शी’ सृजित कराया और इस पद पर उन्हें तुरत नियुक्त किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मनीष वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया था। मनीष पटना के डीएम रह चुके हैं। वे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। साफ है कि मनीष वर्मा मुख्यमंत्री के कितने करीबी हैं। इससे पहले जदयू के अंदरखाने में मनीष वर्मा को नालंदा लोकसभा चुनाव में उतारने की चर्चा थी, लेकिन बदली हुई परिस्थिति में वे राज्यसभा के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार लग रहे हैं।

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By Editor