BSP के मुस्लिम उम्मीदवारों के कारण 27 सीटों पर सपा को नुकसान

भले ही मायावती अपनी हार के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार बता रही हों, पर सच्चाई यह है कि उनके मुस्लिम प्रत्याशियों के कारण 27 सीटों का सपा को नुकसान हुआ।

यूपी चुनाव में बसपा ने 88 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। इनमें कोई नहीं जीता। भले ही बसपा प्रमुख मायावती अपनी हार के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार बता रही हों, पर वास्तविकता यह है कि उनके 27 मुस्लिम प्रत्याशियों के कारण सपा को हार का सामना करना पड़ा। औवैसी की पार्टी एमआईएम के कारण सात सीटों पर और कांग्रेस के कारण चार सीटों पर सपा को नुकसान हुआ।

द क्विंट के अध्ययन के अनुसार जिन सीटों पर भाजपा जीती है, उनमें 27 सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा, एमआईएम तथा कांग्रेस को जो वोट मिले, उससे कम अंतर पर सपा को हार का सामना करना पड़ा। इनमें सपा की हार की वजह 27 सीटों पर बसपा है। बसपा के कारण सपा को जिन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, वे हैं- गंगोह, बरहापुर, मुरादाबाद नगर, मेरठ साउथ, लोनी, धौलाना, अलीगढ़, कोइल, अलीगंज, नवाबगंज, पीलीभीत, मोहम्मदी, सीतापुर, बिसवान, महमूदाबाद, बक्शी का तालाब, राय बरेली, छिब्रामऊ, रुदौली, बहराइच, खलीलाबाद, पथरदेवा, जौनपुर, मुगलसराय, नाकुर, मेंहदावल और नानपारा।

एमआईएम 97 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें सात सीटों पर वह सपा की हार बना। ये सीटें हैं-बिजनौर, मुरादाबाद नगर, सुल्तानपुर, कुरसी, औराई, नाकुर और शाहगंज। इसी तरह कांग्रेस धामपुर, मुरादाबाद नगर,श्रावस्ती, जौनपुर में सपा की हार का कारण बनी।

दलित नेता डॉ. उजित राज ने कहा-सपा के 27 प्रत्यासी हारे इसलिए कि बीएसपी ने बीजेपी से तालमेल करके मुस्लिम दिए। यही बहुजनी राजनीति है बीएसपी की! इसी के साथ सोशल मीडिया पर लगातार बसपा प्रमुख मायावती की इस बात के लिए आलोचना की जा रही है कि उन्होंने मुसलमानों के लिए कभी पांच वर्षों में संघर्ष नहीं किया, पर वे पूरा वोट चाहती हैं। लोग पूछ रहे हैं कि उन्होंने काफी ब्राह्मण सम्मेलन किए, जयश्रीराम के नारे लगाए, पर उनका कितना वोट मिला।

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