प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने न्‍यायपालिका के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सुविधाओं का विकास बारहवीं पंचवर्षीय योजना अर्थात 01.04.2017 से 31.03.2020 के अतिरिक्‍त करने के लिए 3,320 करोड़ रूपये के अनुमानित परिव्‍यय से राष्‍ट्रीय न्‍याय सुपुर्दगी और न्‍यायिक सुधार मिशन के माध्‍यम से केंद्रीय प्रायोजित स्‍कीम (सीएसएस) का कार्यान्‍वयन मिशन मोड़ में जारी रखने को अपनी मंजूरी दी है. 

नौकरशाही डेस्‍क

मंत्रिमंडल ने न्‍याय विभाग द्वारा जीओ टेगिंग के साथ एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली की स्‍थापना करने की भी मंजूरी दी है. ताकि कार्य प्रगति, भविष्‍य की परियोजनाओं के साथ-साथ भविष्‍य में संपूर्ण देश में कार्यान्‍यवन के लिए स्‍कीम के अंतर्गत निर्माण किए जाने वाले न्‍यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों के नियम और विशेषताएं बनाने तथा बेहतर परिसंपत्ति सहित निर्माणाधीन न्‍यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों की कार्य प्रगति पर आंकड़े एकत्रित किए जा सके.

इस स्‍कीम से जिला, उप-जिला, तालुका, तहसील और ग्राम पंचायत और गांव स्‍तर सहित संपूर्ण देश के जिला एवं अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के न्‍यायिक अधिकारियों/न्‍यायधीशों के लिए उपयुक्‍त संख्‍या में न्‍याय परिसर और आवासीय यूनिट की उपलब्‍धता में बढ़ोतरी होगी. इससे देशभर में न्‍यायपालिका कार्य प्रणाली और कार्य प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी. इससे देश के  प्रत्‍येक नागरिक तक न्‍याय प्रक्रिया पहुंच पाए.

जिला और अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के न्‍यायिक अधिकारियों / न्‍यायधिशों के लिए न्‍यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों के निर्माण के लिए केन्‍द्रीय रूप से प्रायोजित स्‍कीम (सीएसएस) के अन्‍तर्गत राज्‍य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है. पूर्वोत्‍तर और हिमालयी राज्‍यों को छोड़कर राज्‍यों के संबंध में वर्तमान निधियों के आवंटन का अनुपात केंद्र और राज्‍य के लिए क्रमश: 60:40 है. पूर्वोत्‍तर और हिमालयी राज्‍यों के संबंध में निधि आवंटन का अनुपात 90:10 और संघ राज्‍य क्षेत्रों के संबंध में 100 प्रतिशत है. इससे जिला और अधिनस्‍थ न्‍यायालयों के न्‍यायिक अधिकारियों/न्‍यायधीशों के लिए 3000 न्‍यायालय परिसरों और 1800  आवासीय यूनिटों के निर्माण की चल रही परियोजना को पूरा करने में मदद मिलेगी.

न्‍याय विभाग द्वारा एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली की स्‍थापना की जाएगी. कार्य प्रगति, निर्माणाधीन न्‍यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों की कार्य प्रगति पर आंकड़े एकत्रित करने के साथ-साथ बेहतर परिसंपत्ति प्रबंधन भी हो सकेगा. त्‍वरित और बेहतर निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्‍न राज्‍यों में राज्‍य के मुख्‍य सचिवों और पीडब्‍लयूडी अधिकारियों के साथ मॉनिटरिंग समिति की नियमित बैठकों का आयोजन किया जा सकता है. यह इस बात की निगरानी कर सकेगा कि केन्‍द्र सरकार द्वारा जारी की गई निधियां  राज्‍य सरकारों द्वारा पीडब्‍ल्‍यूडी को बना किसी विलंब के भेजी जाएं.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने न्‍यायपालिका के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सुविधाओं के विकास के लिए 1993-94 से क्रियान्‍वित की जा रही केंद्रीय प्रायोजित स्‍कीम के माध्‍यम से इस संबंध में राज्‍यों के संसाधनों में बढ़ोतरी की है. जिला और अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के न्‍यायिक अधिकारियों/न्‍यायधिशों के लिए न्‍यायालय परिसरों और आवासीय यूनिटों के निर्माण के लिए केन्‍द्रीय रूप से प्रायोजित स्‍कीम (सीएसएस) के अन्‍तर्गत राज्‍य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों को केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है.

 

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