जातीय जनगणना : नीतीश से मिले तेजस्वी, एनडीए में डाली फूट

तेजस्वी यादव भी राजनीति के खेल में पक्के खिलाड़ी बन गए हैं। आज वे एनडीए में फूट डालने में कामयाब रहे। जातीय जनगणना पर भाजपा को किया अलग-थलग।

जातिगत जनगणणना पर तेजस्वी ने लिखा पीएम को पत्र

कुमार अनिल

राजनीति के खेल में अगर आपने विरोधी खेमे में फूट डाल दी, तो समझिए आप पक्के खिलाड़ी हो गए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज डबल इंजन की सरकार में फूट डालकर बड़ी कामयाबी हासिल की। उन्होंने राज्य में जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजी कर लिया। आज वे विपक्षी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मिले और इस संबंध में अपना ज्ञापन सौंपा।

तेजस्वी यादव को मालूम है कि एनडीए भले ही ऊपर से दिखने में एकजुट है, लेकिन उसके भीतर कई मुद्दों पर मतभेद है। ऐसे मुद्दों में जातीय जनगणना, आरक्षण, सांप्रदायिकता व अन्य मसले शामिल हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि तेजस्वी जातीय जनगणना के सवाल पर भाजपा को अलग-थलग करने के बाद किस नए सवाल पर एनडीए को भीतर से कमजोर करते हैं।

जातीय जनगणना के सवाल पर केंद्र की मोदी सरकार पहले ही इनकार कर चुकी है। राज्य में भाजपा के सारे नेता जातीय जनगणना को अगर-मगर के साथ खारिज करते रहे हैं। उनका सवर्ण सामाजिक आधार पहले से ऐसी जनगणना के खिलाफ है। जिस दिन जातीय जनगणना की रिपोर्ट आएगी, माना जा कहा है कि राज्य की राजनीति में बड़ा परिवर्तन आएगा। नए मुद्दे सामने आएंगे और नई गोलबंदी होगी।

तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के सवाल पर विपक्षी दलों को भरोसा दिया है। अर्थात सहमति दी है।

जातीय जनगणना ऐसा पेंच है, जिसका भाजपा विरोध करे, तो भी उसके साथ जुड़े पिछड़े समाज के लोगों में पार्टी से नाराजगी बढ़ेगी और अगर चुप रह जाए, तो सवर्ण आधार नाराज होगा। तेजस्वी कोशिश है कि भाजपा को सवर्णों तक सीमित कर दिया जाए। भाजपा तभी बड़ी पार्टी बन पाई, जब उसके सवर्ण और बनिया आधार के साथ गैर यादव पिछड़ा समाज जुड़ा। जिस दिन उससे ये पिछड़ा अलग हो गया, भाजपा फिर से बहुत छोटी पार्टी बन जाएगी।

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