जातीय जनगणना पर झुक जाएगी भाजपा, मोदी ने दिया संकेत

भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज लगातार ट्वीट करके जातीय जनगणना पर पार्टी के बदले रुख को जाहिर किया। सफल हुआ नीतीश का दबाव?

बिहार सरकार में भाजपा के कई मंत्री और नेता लगातार खुल कर कहते आए हैं कि वे राज्य में जातीय जनगणना के खिलाफ हैं। इस बीच इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच कई स्तरों पर संवाद जारी रहा। दोनों नेताओं में इस मुद्दे पर अलग से बात भी हुई। बात यहां तक बढ़ी कि मुख्यमंत्री राजद के इफ्तार में शामिल हुए और अपने इफ्तार में बुलाया। नीतीश कुमार के बदले रुख को भांप कर भाजपा के बड़े नेता दिल्ली से पटना पहुंचे और सीएम से मिले। भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश कुमार का साथ जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है 2024 के लोकसभा चुनाव में साथ।

आज सुशील कुमार मोदी ने लगातार कई ट्वीट करके जातीय जनगणऩा के पक्ष में तर्क दिए। कल ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस मुद्दे पर जल्द ही सर्वदलीय बैठक होगी। इसके बाद कैबिनेट की बैठक से पारित किया जाएगा। यह भी खबरें आ रही थीं कि नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना की दिशा में कुछ काम शुरू भी हो चुका है। साफ है तेजस्वी यादव का दबाव नीतीश पर और नीतीश कुमार का दबाव भाजपा पर काम कर गया।

आज सुशील कुमार मोदी ने कहा- भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरुद्ध नहीं रही, इसलिए इस मुद्दे पर बिहार विधानसभा और विधान परिषद से दो बार पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में भाजपा भी शामिल रही। जब इस मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया, तब उसमें बिहार से वरिष्ठ मंत्री जनक राम और झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी शामिल हुए। तेलंगाना ने 2014 और कर्नाटक ने 2015 में जातीय जनगणना कराई थी जिसका भाजपा ने कभी विरोध नहीं किया।

इसका अर्थ है कि तेलंगाना, कर्नाटक की तरह बिहार में जातीय जनगणना होगी, तो वे साथ रहेंगे। हालांकि कहीं भी उन्होंने स्पष्ट यह नहीं कहा कि बिहार सरकार को जातीय जनगणना कराना चाहिए।

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