उत्तर प्रदेश में अपनी काम को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली दबंग लेडी IAS बी चंद्रकला एक बार फिर से चर्चे में हैं। इस बार उनकी चर्चा इसलिये नहीं हो रही कि उन्होंने सरकारी योजनाओं में कोई अनियमितता के बाद किसी की फटकार लगाई है। वे चर्चा में इसलिए हैं कि सीबीआई ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर करीब दो घंटे तक छापेमारी की थी।

B Channdrakala

नौकरशाही डेस्क

IAS बी. चंद्रकला पर ग़लत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है।  चंद्रकला बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं। इसके बाद चंद्रकला ने इस छापे को चुनावी छापे बता कर कविता के जरिये एक जवाब भी दिया। उन्होंने लिंकडिन पर लिखा  –

रे रंगरेज़ !  तू रंग  दे मुझको ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको  ,
फलक से रंग, या मुझे  रंग दे जमीं  से ,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से ।। 
छन-छन  करती पायल से ,
जो फूटी हैं  यौवन के स्वर ;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियाँ, 
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया, 
गाल पे हो, ज्यों  चाँदनी  बिखरी ,
माथे पर फैली  ऊषा-किरण ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको, 
यहाँ  से रंग, या मुझे रंग दे,  वहीं से  ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे,  कहीं से  ।।
कमर को रंग, जैसे, छलकी गगरिया  ,
उर,,,उठी हो,  जैसे चढ़ती उमिरिया  ,
अंग-अंग रंग, जैसे, आसमान पर ,
घन उमर उठी हो बन, स्वर्ण नगरिया  ।।
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको,
सांस-सांस  रंग, सांस-सांस  रख,
तुला बनी हो ज्यों , बाँके बिहरिया , 
रे रंगरेज़ ! तू रंग दे मुझको ।।
पग- रज ज्यों, गोधुली बिखरी हो,
छन-छन करती  नुपूर  बजी हो,
फाग के आग से उठती सरगम,
ज्यों मकरंद सी महक उड़ी हो ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको  ,
खुदा सा रंग , या मुझे रंग दे  हमीं से ,
रे रंगरेज़ तू रंग दे , कहीं से ।।
पलक हो,  जैसे  बावड़ी वीणा,
कपोल को चूमे, लट का नगीना,
तपती जमीं  सा मन को रंग दे,
रोम-रोम तेरी चाहूँ  पीना ।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
बरस-बरस मैं चाहूँ जीना ।। :: बी  चंद्रकला  ,,आई ए एस ।।
,,चुनावी  छापा तो पडता रहेगा ,,लेकिन जीवन के रंग को क्यों  फीका किया जाय ,,दोस्तों  ।
आप सब से  गुजारिश है कि  मुसीबते  कैसी भी हो , जीवन की डोर को बेरंग ना छोडे ।।

बता दें कि बी चंद्रकला तेलंगाना के करीमनगर जिले की रहने वाली हैं। 2008 की यूपी काडर आईएएस हैं। वे सोशल मीडिया में खूब फेमस हैं।

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मेरठ में डीएम रहने के बाद मार्च 2017 से प्रतिनियुक्ति पर वह दिल्ली पहुंचीं और केंद्र सरकार में स्‍वच्‍छ भारत मिशन की निदेशक रहीं। फिर साध्वी निरंजन ज्योति की निजी सचिव बनीं। इसके बाद फिर वह पिछले साल ही दोबारा यूपी लौटीं।

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