तेलंगाना कैडर की  आईपीएस अफसर चारू सिन्हा  सीआरपीएफ बिहार सेक्टर की नई आईजी बनाई गयीं हैं. उन्होंने बुधवार को पदभार संभाल लिया. आइए विस्तार से जानिये चारू सिन्हा के बारे में.

साई के समक्ष चारू सिन्हा( फोटो रेडियो एशिया)

नौकरशाही मीडिया

चारू 1996 बैच की तेलंगाना कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह तेलंगाना में एसीबी के निदेशक के पद पर तैनात थीं. दिलचस्प बात यह है कि उन्हें पिछले 11 अप्रैल को ही एसीबी से सीआरपीएफ में योगदान कराया गया था.

चारू सिन्हा आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना कैडर में आ गयीं. उन्होंने यूएन में कोसोवो पीस कीपिंग फोर्स का एक साल तक नेतृत्व किया है. साईभक्त चारू खुद एक लेख में स्वीकार करती हैं कि वह साई से प्रभावित हैं और कई मरतबा उनके कहने पर ही नये पदों के संभालने का समय निर्धारित करती हैं. वह अपने रेडियो एशिया के लिए लिखे अपने लेख में बताती हैं- 2010 में मेरे जीवन के एक बड़े सपने के साकार होने का वक्त आया. मेरा प्रोमोशन डीआईजी के रूप में हो गया. लेकिन कुछ ही क्षण में मुझे बताया गया कि मैं उस पद पर ज्वाइन नहीं कर सकती क्योंकि मैं पोलिटिकली अस्वीकार्य हूं. लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे अचानक रात के दस बजे सूचना मिली कि मुझे कल सुबह 9 बजे ज्वाइन करना है. यह बहुत कठिन था क्योंकि मुझे सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर के वहां पहुंचाना था. लेकिन मैंने तय किया कि सुबह हर हाल में पहुंचूंगी. रात भर की ड्राइव के बाद में वहां पहुंच ही गयी. ज्वाइन करने के बाद मैं साई के दर्शन को गयी तो उन्होंने मेरे द्वारा उन्हें समर्पित फूल को मेरे हाथो से ले कर मुझे ही सुपुर्द करते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं. चारू लिखती हैं कि आखिरकार मेरा सपना सच हो गया.

चारू सिन्हा

 

गौरतलब है कि बिहार सेक्टर के सीआरपीएफ के आईजी एमएस भाटिया का तबादला हुआ है. चारू ने भाटिया से ही पद्भार स्वीकार किया है. भाटिया का उनका स्थानांतरण सीआरपीएफ मुख्यालय में आईजी (प्रशासन) के पद पर हुआ है।

 

16 जनवरी 2017 को उन्होंने सीआरपीएफ के बिहार सेक्टर का चार्ज संभाला था। बिहार में सीआरपीएफ की कुल 35 कंपनियां तैनात हैं, इनमें 29 कंपनियां नक्सल विरोधी अभियान के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। सीआरपीएफ के विख्यात बटालियनों में से एक कोबरा बटालियन भी है.

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