छोटे मोदी ने किया झोले का लोकार्पण, खूब हो रही जगहंसाई

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पांच किलो अनाज देने के लिए झोले का लोकार्पण किया। खुद ही तस्वीर भी ट्वीट की। ट्वीट के जवाब पढ़कर आप लोटपोट हो जाएंगे।

आज सुबह से बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता सुशील मोदी सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। उन्होंने एक झोले का लोकार्पण किया। वह भी तीन लोगों के साथ। झोले पर उनकी तस्वीर छपी है। संभवतः लोकार्पण करनेवाले एक दूसरे व्यक्ति की भी झोले पर तस्वीर है। पहले ट्वीट के जवाब में हजार लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। पढ़ने पर आप हंसते-हंसते लोटपाोट हो जाएंगे। वैसे देश के कई बड़े लेखकों, पत्रकारों ने भी मजोदार टिप्पणी की है।

एक गुलशन नाम के यूजर ने मोदी को जवाब में लिखा-21वीं सदी में थैले का लोकार्पण करने वाला पहला देश बना “नया भारत”। अगला लक्ष्य कटोरे का लोकार्पण , वो करते ही एकदम से विश्व गुरु बन जाएगा “नया भारत”। वरुण ने लिखा- सर बहुत बढ़िया थैला है। एक आदमी और लगा लेते पकड़ने के लिए, left से थोड़ा नीचे झुक गया है। विजयपाल सिंह तरियाल ने लिखा-हमने सड़कों का, स्कूलों का ,अस्पतालों का, यहां तक की टॉयलेट का लोकार्पण होते देखा। पहली बार भारत के इतिहास में माननीय प्रधानमंत्री जी के कौशल नेतृत्व में थैले का लोकार्पण होते हुए देख रहे हैं। सुशील मोदी जी धन्यवाद मोदी जी भी बोल दीजिए, नहीं तो कमी रह जाएगी। अंगिता यादव ने लिखा-विश्व हतप्रद है।

एबीपी न्यूज के पत्रकार प्रकाश नारायण सिंह ने लिखा- @SushilModi जी, आपसे अनुरोध है पीठ में सटे पेट वाले किसी मजदूर, किसान के साथ फोटो खिंचवाते हुए… बोलिए-इसी पेट में जाएगा अनाज.. उसी पेट का लोकार्पण। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने लिखा-राष्ट्रीय झोले के उद्घाटन में सिर्फ़ दो लोग! अब जाकर मुझे भरोसा हुआ कि साहब की लोकप्रियता वाकई कम हो गई है।

शुभम सहनी ने ट्वीट किया-नेहरू ने एम्स बनवाए, IIT बनवाए, रिसर्च सेंटर बनवाए, और ये सब कुछ बेचकर भी झोला का ही उद्घाटन कर पाए हैं। वो भी उस झोले का जिसके अंदर के अनाज का बंदोबस्त साल 2013 में Food Security Act के तहत मनमोहन सिंह ने पहले ही करवा दिए थे। बड़े-बूढ़े सही कहकर गए थे कि औक़ात औक़ात की बात है। उपेंद्र कुमार ने लिखा-झोला पर फोटो चार आदमी का और लोकार्पण तीन आदमी कर रहे है।गजब बेइजती है।

सुशील मोदी की भले ही सोशल मीडिया पर जगहंसाई हो रही है। बड़े-बड़े लेखक-कवि, विपक्षी नेता मजाक उड़ा रहे हैं। लेकिन वे बिल्कुल ही विचलित नहीं हुए। इसका प्रमाण है कि उन्होंने झोला लोकार्पण के ‘कार्यक्रम’ की जानकारी न सिर्फ ट्वीट करके दी, बल्कि अखबारों को भी विज्ञप्ति भेजी। अखबार में छपने के बाद फिर कतरन के साथ ट्वीट किया।

मोदी का मंदिर बनाया, कम न हुई महंगाई, फिर प्रतिमा गायब

By Editor