चुनाव बीता, मुद्दे नहीं भूले, तेजस्वी की डॉक्टरों के साथ मीटिंग

नेताओं पर आरोप पुराना है कि चुनाव बाद मुद्दे भूल जाते हैं। पर तेजस्वी उन मुद्दों को जीवित कर रहे, जिन्हें चुनाव में उठाया। 3 को करेंगे डॉक्टरों की मीटिंग।

राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है। उसे सबसे ज्यादा वोट मिले। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को पता है कि यह वोट किन मुद्दों पर मिला है। वे उन मुद्दों को ही बिहार की राजनीति की धुरी बनाना चाहते हैं। यह अच्छी बात है, वर्ना दल और नेता चुनावों के बाद मद्दों और वादों को भुला देते हैं।

तेजस्वी यादव तीन अक्टूबर को राज्य के डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों के साथ बड़ी बैठक करेंगे। नीति आयोग की एक रिपोर्ट ने हर संवेदनशील बिहारी को झकझोरा है, जिसके अनुसार बिहार में आबादी के हिसाब से अस्पतालों में बेड के मामले में प्रदेश सबसे नीचे है। आज यही सवाल जब मीडिया ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से पूछा, तो वे सिर झुका कर तेजी से निकल गए। मालूम हो कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में प्रति एक लाख आबादी पर केवल छह बेड हैं, जो देश में सबसे कम है।

तेजस्वी यादव ने कहा-बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे नीति आयोग की रिपोर्ट में संपूर्ण देश में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के सबसे फिसड्डी होने के सवाल पर मीडिया से मुँह छुपा कर भागते हुए। 16 वर्षों के इनके कार्यकाल में चमकी बुख़ार, कोरोना व इलाज के अभाव में प्रतिवर्ष हज़ारों लोग मरते है।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य
विभाग की समस्याएं हजार हैं, उससे जुड़े कर्मियों, डॉक्टरों और टेक्नीशियनों की समस्याएं हजारों हैं, और यह सभी समस्याएं आम नागरिकों को सीधे प्रभावित करती हैं। इसीलिए किसी भी संवेदनशील राजनेता या राजनीतिक दल के लिए अत्यावश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग की हर कमी, नाकामी, डॉक्टरों स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों की हर समस्याओं को समझे, उसकी तह-तक जाए! इसी उद्देश्य से नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव जी ने बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श के लिए एक भेंटवार्ता 3 अक्टूबर को निर्धारित किया है।

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By Editor