Collegium System के खिलाफ हाईकोर्ट के पूर्व जज ने खोला मोर्चा

Irshadul Haque, Editor naukarshahi.com

प्यारी उर्दू के समारोह में शामिल हुए देवेश चंद्र ठाकुर

सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति पर केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट में चल रहे खीचतान के बीच हाई कोर्ट के पूर्व जज ने Collegium System के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

पटना हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश Justice Rajendra Prasad ने Collegium System पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि यह जजों के अपने लोगों को जज बनाने का जरिया है.

पूर्व न्यायधीश राजेंद्र प्रसाद ने Collegium System के खिलाफ खोला मोर्चा

आपको बता दें कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए Collegium System है जिसे खुद सुप्रीम कोर्ट के जजों ने बनाया है. कॉलेजियम सिस्टम न तो संविधान का हिस्सा है और न ही इसे पार्लियामेंट की स्वीकृति प्राप्त है. यही कारण है कि जजों की नियुक्ति के इस सिस्टम की अक्सर आलोचना होती है. आरोप यहां तक लगते रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज अपने परिवार के लोगों की नियुक्ति जज के रूप में करते हैं.

प्यारी उर्दू का कार्यक्रम

उर्दू अखबार प्यारी उर्दू के द्वारा पटना में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ( Devesh Chandra Thaukur) के सम्मान में आयोजित समारोह में बोलते हुए पूर्व न्यायधीश राजेंद्र कुमार ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 218, 124 में जजों की नियुक्त का उल्लेख है. सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने इसे नहीं माना और Collegium System बना लिया. हालांकि सरकार ने फिर National Judicial Appointment Comission बनाया तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी समाप्त कर दिया. जस्टिस राजेंद्र कुमार ने कालेजियम सिस्टम पर हमला करते हुए कहा कि यह एक बच्चा भी जानता है कि यह सिस्टम अपने लोगों को जज बनाने का सिस्टम है.

प्यारी उर्दू के सम्पादक व पूर्व विधायक इजहार अहमद

इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जस्टिस राजेंद्र कुमार के साहस की प्रशंसा की और कहा कि कॉलेजियम सिस्टम समाप्त होगा तो ही आम लोग जजन बनने की कल्पना कर सकते हैं. मांझी ने कहा कि देश के 170 परिवार के लोग ही उच्च व उच्चतम न्यायालयों के जज की कुर्सी पर कब्जा है.

समारोह में प्यारी उर्दू के सम्पादक और पूर्व विधायक डा. इजहार अहमद ( Dr Izhar Ahmad Ex MLA) ने इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि साम्प्रदायिक उन्माद के इस दौर में देवेश चंद्र ठाकुर आपसी भाईचारा की बेहतरीन मिसाल हैं. उन्होंने कहां कि जब वह एक बार देवेश बाबू के घर गये तो उनके घर से इसलिए वापस आ गये क्योंकि उनके घर में अरबी की आयत लिखी थी. मुझे लगा कि यह किसी मुसलमान का घर है. लेकिन लोगों ने कहा कि यही देवेश चंद्र ठाकुर का घर है. इजहार अहमद ने कहा कि आज के समय में देश को देवेश बाबू जैसी शख्सियतों की जरूरत है.

समारोह में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, विधि मंत्री शमीम अहमद, एमएलसी खालिद अनवर,शिया व सुन्नी वक्फ बोर्डों के अध्यक्ष अफजल अब्बास, इर्शादुल्लाह, कौमी तंजीम के एडिटर अशरफ फरीद समेत अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये और प्यारी उर्दू के सम्पादक इजहार अहमद के कार्यक्रम की खुल कर तारीफ की.

इस अवसर पर प्यारी उर्दू परिवार की तरफ से अनेक पत्रकारों को सम्मानित किया गया.

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