कांग्रेस के चक्रव्यूह में फंसी भाजपा, सीधे पीएम के खिलाफ नोटिस

भाजपा ने लोकसभा में राहुल गांधी को घेरने की कोशिश क्या की कि कांग्रेस ने उसे अपने चक्रव्यूह में बुरी तरह फंसा दिया। पढ़िए कैसे

संसद परिसर में शुक्रवार को प्रदर्शन करते विपक्षी सांसद

देश में मोदी सरकार और विपक्ष के बीच तीखी लड़ाई छिड़ गई है। राहुल गांधी ने संसद में बोलने का वक्त मांगा, तो भाजपा ने राहुल गांधी को लोकसभा से ही सस्पेंड करने की कर दी पहल। कांग्रेस ने भी तुरत किया पलटवार। सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी को लोकसभा के भीतर अपमानित करने के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी को यह कहना कि वे गांधी सरनेम क्यों लगाते हैं, नेहरू सरनेम क्यों नहीं लगाते। ऐसा कहना अपमानित करना है।

कल राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन पर चार मंत्रियों ने संसद में आरोप लगाए हैं। लोकतंत्र का तकाजा है कि उन्हें आरोपों का जवाब देने के लिए बोलने का वक्त दिया जाए। इसके लिए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से समय मांगा। यह बड़ा दांव था। अगर भाजपा बोलने देती, तो राहुल गांधी फिर से प्रधानमंत्री मोदी और अडानी के रिश्ते पर सवाल पूछते। अब तो इंडियन एक्सप्रेस ने एक और खुलासा कर दिया है कि रक्षा उपकरणों के निर्माण में अडानी के साथ एक ऐसी कंपनी है, जिसके मालिक का ही नाम नहीं पता। कंपनी के पास कहां से पैसे आए यह भी स्पष्ट नहीं है। अगर राहुल गांधी के बोलने का वक्त नहीं दिया जाता, तो उनका आरोप सिद्ध हो जाता कि संसद में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा दोनों में फंसती।

भाजपा ने एक तीसरा रास्ता चुना। उसने राहुल गांधी को संसद से सस्पेंड करने के लिए पहल कर दी। भाजपा का कहना है कि राहुल ने विदेश में भारत का अपमान किया। वे माफी मांगेंं। अब भाजपा के इस वार का जवाब कांग्रेस ने तुरत दिया। उसने सीधे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को नोटिस दे दिया है। इस बीच संसद की कार्यवाही एक बार फिर स्थगित कर दी गई। संसद में विपक्ष एकजुट हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी लड़ाई शुरू हो गई है। क्या सचमुच भाजपा राहुल गांधी को संसद से बाहर कर देगी या रोज समय काटते हुए सत्र समाप्त कर देगी। तब कांग्रेस और विपक्ष क्या करेगा?

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By Editor