कांग्रेस ने रंजीता को क्यों बनाया प्रत्याशी, कारण जान सन्न रह जाएंगे

कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार की रंजीता रंजन को छत्तीसगढ़ से प्रत्याशी बनाया है। वे पप्पू यादव की पत्नी हैं। रणनीति क्या है, क्यों बनाया?

कुमार अनिल

कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। इन प्रत्याशियों में रंजीता रंजन का नाम चौंकानेवाला है। कांग्रेस ने यूं ही नहीं बनया रंजीता को प्रत्याशी। उसके पीछे पूरी एक रणनीति हैं। तीन प्रमुख वजहें हैं।

कांग्रेस की उदयपुर घोषणा का असर दिखने लगा है। पार्टी ने राज्यसभा के लिए दस उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। इनमें एक नाम का सीधा असर बिहार की राजनीति पर पड़नेवाला है। वह नाम है पूर्व सांसद रंजीता रंजन। वे पूर्व सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं। आखिर उन्हें कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए प्रत्याशी क्यों बनाया?

कांग्रेस ने रंजीता रंजन को इतना बड़ा अवसर यूं ही नहीं दिया है। बहुत जल्द उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी मिल सकती है। उन्हें बिहार कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

रंजीता रंजन की उम्र केवल 49 वर्ष है। वे डायनमिक (तेज-तर्रार) लीडर हैं। लोकसभा में उनके भाषण को लोग आज भी याद करते हैं, खासकर सीएए और तीन तलाक पर उन्होंने कांग्रेस की तरफ से शानदार पक्ष रखा था। वे लोकसभा की मुखर सांसदों के रूप में जानी जाती रही हैं। वे राहुल-प्रियंका के भी करीब हैं।

रंजीता रंजन को बिहार कांग्रेस की बागडोर देने के पीछे चार बड़े तर्क हैं। पहला, उन्हें बिहार कांग्रेस का नेतृत्व देकर पार्टी राजद को भी एक संदेश देना चाहती है। राजद के सामाजिक आधार एम-वाई में रंजीता की छवि भी अच्छी है। यादव और मुस्लिम दोनों हिस्सों में कांग्रेस के लिए जमीन तैयार करना है।

दूसरी वजह है रंजीता रंजन की मुस्लिमों में अच्छी छवि। सीएए और तीन तलाक के मुद्दे पर उन्होंने लोकसभा में जोरदार तरीके से बात रखी थी। इससे मुस्लिम और मुस्लिम महिलाओं में उनकी बेहतर छवि है। तीसरी वजह है उनका महिला होना। कांग्रेस देश भर में महिलाओं को जोड़ने का प्रयास कर रही है। चौथी वजह है उनका राहुल-प्रियंका से अच्छा संबंध।

बिहार कांग्रेस कमजोर हालत में है, यह किसी से छिपा नहीं है। कन्हैया कुमार को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए, इसकी संभावना कम दिखती है। वे पार्टी में नए हैं। उस लिहाज से भी रंजीता रंजन सीनियर लीडर हैं।

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