जब काम बातचीत से न बने तब हमारे देश में लोग गांधीगिरी करते हैं. यानी विरोध का अनोखा तरीका अपनाते हैं. इन दिनों कुछ ऐसा ही कर रही हैं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद. उन्होंने फैसला किया है कि 14 नवंबर यानी चिल्ड्रंस डे तक वह घर नहीं जाएंगी, बल्कि दिन-रात काम करेंगी. उनका यह विरोध है कि शहर की उन बच्चियों के लिए, जो रेप की शिकार हो रही है. 

नौकरशाही डेस्क

स्वाति जयहिंद के इस फैसले से दिल्ली महिला आयोग सुबह से लेकर रात तक खुला है और टीम सुपर ऐक्टिव मोड में रातभर काम रही है. इस बारे मेें उन्होंने कहा कि और क्या तरीका है? दो साल से हम केंद्र सरकार को लेटर लिख रहे हैं, अपील कर रहे हैं कि इस मसले को गंभीरता से लेते हुए एक हाई लेवल कमिटी बनाई जाए ताकि 6 महीने के भीतर इन रेप केस निपटारा हो सके. दोषियों को फांसी हो सके.

उन्होंने आगे कहा कि इस घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र, राज्य सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली महिला आयोग, एलजी को साथ होना पड़ेगा और हर महीने रिव्यू करना होगा ताकि एक्शन तो हो. स्वाति ने बताया कि इन 10 दिनों में मैं तीन रेप विक्टिम से मिली हूं. पहले 11 महीने की बच्ची से रेप, फिर डेढ़ साल की और फिर 7 साल की बच्ची से गैंगरेप… इनके ऑपरेशन हुए हैं. इन बच्चियों के दर्द को कोई क्यों नहीं समझ रहा, यह समझ से परे है. निर्भया हादसे के बाद सीन जस का तस है.

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