दूध-दही पर टैक्स, मोदी की बचकाना सफाई, हंसी रोकना मुश्किल

जब-जब PM मोदी फंसते हैं, तो समर्थक अजीब-अजीब तर्कों से बचाव करने आ जाते हैं। लेकिन सुशील मोदी ने सबको पीछे छोड़ा। PM के बचाव में दिखाई अद्भुत रचनात्मकता!

कुमार अनिल

संभव है आपने ‘बादशाह और बातों का रफूगर’ कहानी सुनी हो। आज वह रफूगर होता तो भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी को अपना गुरु मान लेता। आज सुबह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निशाने पर हैं। दूध-दही, छाछ से लेकर अस्पताल के कमरे पर भी टैक्स लगा दिया है। यानी मरने से पहले तक आपको टैक्स देना होगा।। सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्षी दल और आम लोग तीर बरसा रहे हैं। भाजपा के बड़े-बड़े नेता बचाव के लिए तर्क खोजने में असमर्थ रहे, तब बिहार के भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी प्रधानमंत्री मोदी के बचाव में कूदे।

भाजपा सांसद मोदी ने कहा कि दूध-दही, भोजन की अन्य सामग्री और अस्पताल के कमरे तक पर टैक्स प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं लगाया है, बल्कि जीएसटी काउंसिल ने लगाया है। इसके लिए केंद्र सरकार भी दोषी नहीं है। इसके बाद उन्होंने राहुल गांधी को ही उल्टा घेरा कि राजस्थान में विरोध क्यों नहीं किया। उनके इतना कहते ही लोग टूट पड़े। लोग पूछ रहे हैं कि राम मंदिर का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का था, लेकिन श्रेय लेने आप आ गए। जीएसटी काउंसिल तो आपने ही बनाई है। दोष देना हो, तो नेहरू तक को दोषी करार देते हैं और अब क्या हो गया।

सुशील मोदी के इस रचनात्मक बचाव की सराहना करने के बदले लोग नाराज हो गए। उनके ट्वीट के जवाब में लोग आग उगल रहे हैं। दुर्गेश पांडे ने कहा-सर तो @narendramodi मोदी जी क्या मूर्ति है? क्या उन्हें देश में गरीबों की स्थिति के बारे में पता नहीं है? क्या उन्हें नहीं रोकना चाहिए था? गरीब भूखे मर रहे है और आप लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हो। ये गंदी राजनीति बंद कर के देश के गरीबों के बारे में भी आप लोग सोचिए। अमित सिंह ने कहा-क्या चचा आप भी न जब जीएसटी घटता है तो मोदी जी का गुणगान करते हो और बढ़ने पर कहते हो कि कोई हाथ नहीं है इतना….. लाते कहाँ से हो? महेंद्र गोयल ने लिखा-आप #जीएसटी कॉउंसिल के सदस्य रहे हैं आपको पता होगा कि वहां बहुमत के आधार पर निर्णय होते हैं और बहुमत आपकी सरकार का है आपकी पार्टी का है । विपक्ष की आवाज कैसे दबाई जाती है वह #BJP से बेहतर कोई नहीं कर सकता ।

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