खबर है की एक दुसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी माने जाने वाले राजद के पूर्व उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी के कारण ही पूर्व लोजपा सांसद रामा सिंह के राजद (RJD) में शामिल होने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है।

बिहार की सियासी गलियारों में “दलबदलू विरोधी” राजनीति तेज़ हो गयी है. ताज़ा मामला रामा सिंह का है. पूर्व लोक जन शक्ति पार्टी सांसद रामा सिंह ने हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने की घोषणा की थी. करीबी सूत्रों के अनुसार रामा सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते है. इसलिए रामा सिंह की नाराज़गी को देखते हुए उनकी राजद में एंट्री फिलहाल रुकी हुई है.
पार्टी के करीबी सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद ने रघुवंश मामले में हस्तक्षेप किया क्योंकि वह चुनाव से ठीक पहले एक वरिष्ठ नेता नहीं गंवाना चाहते। क्योंकि अगर रघुवंश प्रसाद पार्टी छोड़ते हैं तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है. हाल ही में आरजेडी के 6 एमएलए पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो चुके हैं. जिनमे लालू प्रसाद के पूर्व समधी चन्द्रिका राय भी शामिल है.

लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह पर बयान देते हुए कहा था की राष्ट्रीय जनता दल समंदर है और रघुवंश प्रसाद सिंह एक लोटा पानी . तेज प्रताप यादव 2 दिन पहले लालू प्रसाद से मिलने रांची गए थे. जिसके बाद भी लोजपा सांसद रामा सिंह के राजद में एंट्री पर एक तरह से स्टे लगा हुआ है. आज ही के दिन रामा सिंह राजद में शामिल होने वाले थे.

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रघुवंश-रामा मामले पर तेजस्वी ने क्या कहा ?

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी रामा सिंह और रघुवंश प्रसाद सिंह पर पत्रकारों के सवाल को टाल गए. जिससे इस बात के संकेत मिलते है की पार्टी ने फिलहाल इस मामले में संयम से काम लेने का मन बनाया है. तेजस्वी यादव ने कहा, “वह संवाददाता सम्मलेन बिहार के लोगो की समस्याओं को उजागर करने के लिए किया गया था. मैं किसी व्यक्ति विशेष के बारे में कयास के आधार पर कुछ भी नहीं बोलूंगा”.

इस प्रेस संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगते हुए यहाँ तक कह दिया की “वह (नीतीश कुमार) इस देश के सबसे बड़े झूठे” हैं. हलाकि वह उनका सम्मान करते है. “उन्होंने झूठ ही नहीं बोला बल्कि सदन को गुमराह किया. “उन्होंने सभा में कहा था की मज़दूरों को रोज़गार देंगे, लेकिन अब तक एयरपोर्ट से टिकट काटकर 2. 5- 3 लाख मज़दूर बिहार से वापस लौट चुके है. उन्हें रोज़गार क्यों नहीं दिया”.

पार्टियों-नेताओं में डिजिटल चुनाव प्रचार की होड़

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