यह नये डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के पद संभालना के बाद बिहार पुलिस की शानदार सफलता है. उसने मुजफ्फरपुर से मुथहुट फाइनांस कम्पनी से लूटे गये लगभग एक मन सोना बरामद कर लिया है.

Gupteshwar pandey
गुप्तेश्वर पांडेय ने हाल ही में संभाला है डीजीपी का पद

[box type=”success” align=”aligncenter” width=”300″ ]मुख्य प्वाइंट मुजफ्फरपुर में मुथहुट फाइनांस कम्पनी में लुटेरों ने धावा बोला था गार्ड को पिस्टल का खौफ दिखा कर लॉकर से सोने के जेवरात लूट लिये छह बैग में सोने के जेवरात भर के चलते बने पुलिस ने एक हफ्ता के अंदर इस रिकवर करने में सफलता प्राप्त कर ली[/box]

जिस दिन यह लूट हुई उसके एक दिन पहले, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में उन्हें आश्वस्त कर रहे थे कि आपके सपने को साकार करने के लिए हम सब जान की बाजी लगा देंगे. लेकिन उसके दूसरे ही दिन मुथहुट फाइनांस कम्पनी से करीब 40 किलो सोने के जेवरात लूट लिये गये थे. लेकिन पुलिस की चाबुक दस्ती ने इस लूट के गुनाहगारों को दबोच लिया. फिर उनके कई ठिकानों से ये गहने बरामद कर लिये गये.

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कम्पनी ने इस कामयाबी पर बिहार पुलिस को तीस लाख रुपेय इनाम की पेशकश की है.

ऐसे मिली सफलता

एडीजी कुंदन ने इस लूट की घटना के बाद पुलिस की कार्वाई की जानकारी दी. उनके मुताबिक रविवार को समस्तीपुर के दलसिंहसराय के शाहपुर पररा से सुभाष कुमार झा को गिरफ्तार किया गया। वहां से मुजफ्फरपुर से लूटा गया डेढ़ किलो सोना मिला। इसके बाद बेगूसराय के नावकोठी के समसा गांव से आलोक कुमार की गिरफ्तारी हुई। उसकी निशानदेही पर वैशाली के महुआ स्थित चक मोजाहिद से अभिषेक कुमार दबोचा गया। वहां से एक सूटकेस में लूटा गया 25 किलो सोना मिला।

इस कामयाबी के लिए बिहार की पुलिस बधाई की पात्र है. लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि उसके दामन पर दर्जनों विफलताओं  के दाग भी हैं. कानून व्यवस्था निश्चित तौर पर किसी भी राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती है. वारदात होने के बाद पुलिस की चुनौतियां बढ़ती हैं.

ऐसे में उसे इस बात पर गौर करना होगा कि समाज के आपराधिक तत्वों पर कानून व पुलिस प्रशासन का खौफ हो. ये खौफ उन्हें आपराधिक गतिविधियों से रोकता है. लेकिन इस मामले में बिहार पुलिस का रिकार्ड उत्साहजनक नहीं है.

मौजूदा समय में अपराध का ग्राफ काफी ऊंचा है. हर रोज हत्या, लूट, बलात्कार की घटनायें सामने आ रही हैं. इससे समाज में खौफ और प्रशासन पर अविश्वास बढ़ा है. लेकिन यह संतोष की बात है कि पुलिस की सक्रियता से अनेक वारदात होने से बची हैं या फिर कई वारदात के बाद अपराधियों को दबोचा गया है.

उम्मीद की जानी चाहिए कि पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को तत्परता से निभाये.इससे उसके प्रति आम लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा और पुलिस को प्रशांसा भी मिलेगी.

 

 

By Editor