पूर्व जस्टिस Gopala Gowda बोले, 8 साल पहले SC ऐसा नहीं था

आज से पहले Supreme Court की इतनी तीखी आलोचना किसी ने नहीं की होगी। पूर्व जज गोपाल गौड़ा बोले, सुप्रीम कोर्ट का आठ साल का रिकार्ड निराशाजनक।

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज पूर्व जस्टिस Gopala Gowda बोले, 8 साल पहले SC ऐसा नहीं थाने न सिर्फ सवाल खड़ा किया, बल्कि तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि आठ साल का सुप्रीम कोर्ट का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक है। आठ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ऐसा नहीं था। उन्होंने धारा 370, इलेक्टोरल बॉन्ड, राम मंदिर से जुड़े अहम फैसलों पर टिप्पणी की।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व जज गोपाल गौड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 तथा इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जबकि ये देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे थे। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख ऐसा नहीं होता था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कार्यपालिका के निर्णयों पर भी सुनवाई की, जिसमें राजनीतिक नफा-नुकसान भी था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी मामले में लाइसेंस रद्द कर दिया, कोलगेट पर सुनवाई की।

2014 से पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय एजेंसियों पर तीखी टिप्पणी करने से भी कभी नहीं हिचका। सीबीआी के बारे में चर्चित टिप्पणी कि सीबीआई केंद्र सरकार का तोता है, तभी की गई थी। 2014 से पहले सुप्रीम कोर्ट भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा की तरह लगता था।

पूर्व जज ने कहा कि सहारा-बिड़ला, जज लोया केस, भीमा कोरेगांव, राफाल मामला को लेकर जनता में काफी चर्चा हुई, पर सुप्रीम कोर्ट इनमें मामलों में हिचकता दिखा। पूर्व जज ने राम मंदिर मसले पर फैसले पर भी सवाल उठाए। पूर्व जज ने जिस तरह सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए इसे उसकी आजादी से जोड़ा, शायद किसी ने इससे पहले ऐसा बयान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर बनाने का फैसला जिस तरह दिया गया, उससे दक्षिणपंथी ताकतों को ज्ञानवापी मामले को उठाने का अवसर मिला। पूर्व जज गोपाल गौड़ा ने ये बातें दिल्ली में ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, पत्रकारों के एक संगठन के कार्यक्रम संविधान बचाओ-देश बचाओ को संबोधित करते हुई कहीं।

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By Editor