जमुई के अचम्भो गांव के दर्जनों गरीब अचंभित हैं. नोटबंदी से मचे हाहाकार के बीच काले धन के वारे-न्यारे के बीच यहां के लोगों को बिन खाता खोले बैंकों ने डेबिट कार्ड भेजा है. ऐसे में ये लोग भय और आशंका में भड़ गये हैं.

अचम्भो गांव के गरीब डेबिट कार्ड के साथ
अचम्भो गांव के गरीब डेबिट कार्ड के साथ

 

मुकेश कुमार,पूर्वी बिहार ब्यूरो,

जमुई जिले के सिकन्दरा प्रखंड के अचम्भो गांव में गरीब गुरबे उस वक्त अचंभित हो गये जब उन्हें मुफ्त में लिफाफे में बंद पोस्ट ऑफिस के द्वारा डेबिट कार्ड मिला।यह जानकर आप हैरान जरूर हो जायेंगे,पर यहां बात ही कुछ ऐसी है कि गरीब गुरबो को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से डेबिट कार्ड पिछले दिनों से मिलने का सिलसिला जारी है।

इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद नौकरशाही डॉट कॉम की टीम ने अचम्भो गांव का दौरा किया तो डेबिट कार्ड प्राप्त किये लोगों में से ओमप्रकाश साव ,रामाश्रय सिंह राजेन्द्र साव,अमीरक राम,शंकर मांझी,कंचन यादव,सोनी देवी,कालो देवी आदि ने बताया कि उन्होंने खाता खुलवाया ही नहीं और डेविट कार्ड भेज दिया गया है।

ऐसे में डेविट कार्ड पाने वाले सभी लोग खुद असमंजस में पड़ गये हैं।उक्त गांव  के लोगों ने बताया कि “हमलोगों न किसी प्रकार का पहचान पत्र दिया और न ही किसी प्रकार के हस्ताक्षर ही किये”

न आवेदन, न केवाईसी फिर भी खुले खाते

गौरतलब है कि किसी भी नये खाते को खुलवाने के लिए केवाईसी के तहत आवश्यक कागजात की आवश्यकता होती है।जिसके दौरान उक्त बैंक में खातेधारी को पहचानकर्ता की आवश्यकता पड़ती है।लेकिन हैरत की बात यह है कि अचम्भो गांव में डेबिट कार्ड प्राप्त किये लोगों को बिना किसी आवेदन के साथ आवश्यक कागजात एवं बिना किसी पहचानकर्ता के आखिर खाते कैसे खुले और डेविट कार्ड आखिर कैसे भेजे गये ?

यह बैंको एवं खाताधारियों के बीच यक्ष प्रश्न बना है।जबकि डेबिट कार्ड से सम्बंधित पंजाब नेशनल बैंक सिझौड़ी के शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार सिंह से इस बाबत जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि यह खाता प्रधानमंत्री के जनधन योजना के तहत विगत 15 माह पूर्व खोली गई है।उन्होंने एक दो खातेधारी की पुष्टि करने के लिए अपने कम्प्यूटर पर जांच किया तो पता चला कि सम्बंधित व्यक्ति का खाता खुला हुआ है। परंतु उक्त खाते में किसी प्रकार का ट्रांजेक्शन नहीं है।

बैंक प्रबंधक ने क्या कहा

प्रबंधक ने बताया कि यह खाता पीएनबी के ग्राहक सेवा केंद्र गोखुला फतेहपुर के द्वारा खोली गया है।बताते चले कि पीएनबी सिझौड़ी अंतर्गत खरडीह,गोखुला फतेहपुर,मंजोष एवं रौशनडीह(महादेव सिमरिया) चार ग्राहक सेवा केंद्र चल रहे हैं। जहाँ से ऐसे खातों का संचालन किया गया है।

 

और भी कई गांव

इधर उक्त खाताधारी का स्पष्ट रूप से कहना है कि मैंने पीएनबी बैंक में खाता खुलवाया ही नहीं है।कुल मिलाकर मामला बैंक एवं खाताधारी के बीच उलझकर रह जाता है। सिर्फ अचम्भो ही नहीं पूरे प्रखंड में फैला है बिना खाता खुले डेबिट कार्ड प्राप्त करने का मामला ।

सिकन्दरा प्रखंड में डेबिट कार्ड का मामला अचम्भो तक ही नहीं सिमटकर रह गया है बल्कि यह मामला प्रखंड के हर पंचायत में देखने को आराम से मिल सकता है।भले ही अचम्भो में बिना खाता खुले डेबिट कार्ड प्राप्त करने का मामला जंगल में आग की तरह फैला हो पर हकीकत यह है कि यह मामला प्रखंड के हर पंचायतो में छाया है।इस तरह से पोस्टऑफिस के माध्यम से सभी पंचायतो में बैंक द्वारा भेजे गए डेबिट कार्ड को संबंधित खाताधारी लाभुको को भेज दिया गया।

लोग इसे बैंक के मिलीभगत के माध्यम से मनरेगा योजनाओ की राशि के लूट से जोड़कर तो कोई इसे कालाधन का जरिया बता रहा है।सूत्रों की मानें तो बिना खाता खुले बैंक द्वारा डेबिट कार्ड को भेज देना जिले में यह पहला मामला सामने आया है।

चौराहे पर चर्चा

हर जगह चौक चौराहे पर उक्त मामले की चर्चा छाया हुआ है।इस संबंध में सिकंदरा डाकघर के पोस्टमास्टर दीपक कुमार दीप ने बताया कि बैंक द्वारा भेजे जाने के बाद इसे शीघ्र संबंधित खाताधारी के पते के अनुसार उन्हें भेज दिया जाता है।उन्होंने बताया कि पीएनबी के 80 प्रतिशत डेबिट कार्ड को खाताधारी यह कहकर लौटा दिए हैं कि मेरा खाता भी नहीं खुला है और डेबिट कार्ड कहाँ से आ गया।वापस हुए डेविट कार्ड को पुनः उक्त बैंक को भेज दिया जाता है।

By Editor