फेसबुक की सफाई में कितना दम है?

शाहबाज़ की विशेष रिपोर्ट

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय संसदीय समिति ने आज सोशल मीडिया साइट फेसबुक भाजपा का पक्ष लेने के आरोप कि सुनवाई की है.

सुनवाई में फेसबुक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसने हमेशा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर पारदर्शिता रखी है. सोशल मीडिया साइट ने यह भी दावा किया कि फेसबुक ने लोगो को अभिव्यक्ति प्रकट करने का माध्यम भी दिया है.

संसद की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक पर बनी यह समिति जिसकी अध्यक्षता शशि थरूर कर रहे है, फेसबुक पर भाजपा का पक्ष लेने के आरोपों की जांच कर रही है. भारत में फेसबुक के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने भी अपनी बात रखी. बैठक तीन घंटे तक चली हालांकि सुनवाई के दौरान समिति और फेसबुक के प्रतिनिधि के बीच बातचीत जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी हुई है को गोपनीय रखा गया है.

कांग्रेस ने साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने पर फेसबुक को चेताया

बता दें की कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने फेसबुक पर आरोप लगाया कि सोशल मीडिया साइट भाजपा समर्थित लोगो के भड़काऊ पोस्ट पर सख्ती नहीं करता है. इसके बाद न्याय एवं सुचना मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को चिट्ठी लिखकरआरोप लगा दिया कि फेसबुक दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगो के पोस्ट को सेंसर कर रहा है।

याद दिला दें की ये विवाद तब शुरू हुआ जब एक अमरीकी अख़बार वाल स्ट्रीट जर्नल ने भारत में फेसबुक के रवैये पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमे सोशल मीडिया साइट को सत्तारूढ़ दल यानी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में काम करने आरोप लगा. फेसबुक पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत भड़काने वाली पोस्ट पर भी कोई कार्यवाई नहीं करता।

कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में फेसबुक को चिट्ठी लिखकर भाजपा का समर्थन करने का आरोप लगाकर जवाब देने को कहा था. पार्टी ने भी अपनी चिट्ठी में अमरीकी अख़बार में छपी रिपोर्ट का हवाला देकर ये पूछा था की फेसबुक भाजपा समर्थित लोगो के भड़काऊ पोस्ट पर कार्यवाई क्यों नहीं करता?

सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर लग रहे आरोपों पर फेसबुक ने बस इतनी प्रतिक्रिया दी कि “किसी भी तरह की हिंसा या नफ़रत फैलाने वाली सामग्री फेसबुक पर प्रतिबंधित है. ये मायने नहीं रखता कि पोस्ट लिखने वाले का राजनीतिक रुझान किस तरफ़ है.”

थरूर को हटाने की मांग

कांग्रेस ने आज होने वाली समिति की बैठक से पहले फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग को दो खत लिखे जिसमे फेसबुक में आम करने वाले दो प्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल उठाये गए थे. इसके बाद बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने थरूर को समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर दी.

रविशंकर ने फेसबुक पर लगाए आरोप

केंद्रीय न्याय एवं सुचना प्रोधोगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क ज़करबर्ग को चिठ्ठी लिखकर आरोप लगाया कि उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वालों की पोस्ट को सेंसर कर रहा है. प्रसाद का ये भी कहना था की अमरीकी अख़बार की रिपोर्ट दरअसल बीजेपी की उलटी ही छवि पेश कर रहा है.

संसद में विभिन्न विभागों पर कुल 24 समितियां है. लोक सभा एवं राज्य सभा के सांसद इन समितियों के सदस्य होते है. संसदीय सूत्रों के अनुसार संसदीय समिति की बैठक पूरी तरह से गोपनीय होती है. समिति के सदस्यों एवं जिन्हे नोटिस भेजकर बुलाया जाता है उन्हें बाहर कुछ भी कहने की इजाज़त नहीं होती।

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