रभंगा के रामभद्रपुर लगमा गांव में पसरा है मातम

हादसा ऐसा कि कोई अंतिम संस्कार करने वाला भी न बचा

दिल्ली में एक ही परिवार के पांच लोगों की जल कर हुई मौत

अंतिम संस्कार करने वाला भी कोई नहीं बचा

दीपक कुमार ठाकुर,ब्यूरो प्रमुख,(नौकरशाही डॉट कॉम)

दिल्ली में रविवार की देर रात हुए भीषण अग्निकांड की घटना में दरभंगा जिले के तारडीह प्रखंड के रामभद्रपुर लगमा गांव के एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत से गांव के लोग स्तब्ध हैं।

 

दरभंगा जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर बसे यहां के ग्रामीणों का कहना है कि किसी ने सपने में भी नहीं सोंचा था कि इस तरह की घटना भी हो सकती है। अब तो इस परिवार का कोई नाम लेने वाला भी नहीं नहीं रहा। दिल्ली के किराड़ी में कपड़ा गोदाम में आग लगने से नौ लोगों की मौत की चर्चा से ही ग्रामीण सहम जाते हैं।

परिवार के पांचों सदस्य खत्म

गांव के मुखिया व ताराडीह के पूर्व प्रमुख रामनरेश चौधरी कहते हैं कि यह घटना आश्चर्यजनक है। उदय चौधरी के परिवार में तो शवों का अंतिम संस्कार करने वाला भी कोई नहीं है। एक ही चिता पर पूरे परिवार का दाह संस्कार एवं श्राद्ध कर्म सम्भवतः पहली घटना होगी।ग्रामीण कहते हैं कि गांव के अत्यंत सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले उदय ने स्वप्न में भी यह नहीं सोचा था कि गांव से बाहर जीवन यापन करने की ऐसी भयानक सजा मिल सकती है। बता दें कि इस लोमहर्षक घटना में लगमा गांव के 35 वर्षीय उदय चौधरी,उनकी 26 वर्षीया पत्नी मुस्कान,10 वर्षीया बेटी अंजली,8 वर्षीय बेटा आदर्श एवं छह माह की बेटी तुलसी की एक साथ जल कर मौत हो गयी।

दो भाइयों में छोटा उदय चौधरी करीब 20 वर्षों से दिल्ली के किराड़ी में अपने परिवार के साथ रहता था। उदय वहां एक निजी कम्पनी में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। घटना से महज दो घण्टे पहले विजय उदय से मुलाकात कर घर वापस आया था। ग्रामीण बताते हैं कि सुबह उठते ही ऐसी मनहूस खबर मिली।

गांव में ही किया था बेटे का मुंडन

ग्रामीणों ने बताया कि छह महीना पहले ही उदय अपने आठ वर्षीय बेटे का मुंडन कराने गांव आया था। उदय ने बड़े उत्साह से बेटे का मुंडन कराया था। यहां से जाने के बाद दिल्ली में बेटी का जन्म हुआ था। उदय के माता-पिता गांव में ही रहते थे। चार साल पहले मां और तीन साल पहले पिता की मौत हो गयी।

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