समर्थकों को धक्का, CM शपथग्रहण तक जेल से रिहा नहीं होंगे लालू

चारा घोटाला मामले में सीबीआई की चालबाजी के कारण अब लालू प्रसाद के 9 नवम्बर को रिहा होने की संभावना समाप्त हो गयी है.

झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय की मांग की।

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सीबीआई की ( CBI) ओर से बताया गया कि लालू प्रसाद के दावों पर वह जवाब दाखिल करेगी। इसके लिए उसे समय चाहिए। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सीबीआई को 24 नंबर तक का समय दिया और सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित कर दी। इस दिन यदि लालू प्रसाद को जमानत मिलती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव आश्वस्त थे कि लालू प्रसाद 9 नवम्बर को रिहा हो जायेंगे. तेजस्वी इतने कंफिडेंट थे कि उन्होंने चुनावी सभाओं में अनेक बार कह दिया था कि 10 नवम्बर को ( चुनाव परिणाम के दिन) नीतीश जी की विदायी तय है और 9 नवम्बर को लालू जी बाहर आ जायेंगे. तेजस्वी ने यह भी कहा था कि 9 नवम्बर को मेरा जन्मदिन भी है.


रांची में 10 दिसंबर 2017 से वह जेल में है। अब तक उन्होंने 42 महीने से अधिक सजा काट ली है। सजायाफ्ता लालू प्रसाद को अब तक चाईबासा कोषागार से अवैध निकसी के दो और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के एक मामले मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिली चुकी है। अब सिर्फ दुमका मामले में जमानत मिलनी बाकी है।

अगर इस मामले में उन्हें जमानत की सुविधा मिलती है, तो वे जेल से रिहा हो जाएंगे। लालू प्रसाद पर कुल पांच मामले झारखंड में चल रहे हैं, जिसमें से उन्हें चाईबासा के दो, देवघर व दुमका के एक-एक मामले में सजा मिली है। वहीं, डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।


पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने रिम्स से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही कारा महानिरीक्षक और जेल आइजी से लालू के मुलाकातियों की सूची देने को कहा गया था। यह भी बताने को कहा गया था कि जेल मैनुअल के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। रिम्स की ओर से मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गयी, लेकिन जेल आइजी की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी।

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