उमर खालिद पर आधी रात को ट्विटर में क्यों मचा कोहराम ?

यादे दिला दें कि 4 सितम्बर को ही उमर खालिद ने कहा था कि “देश में दो तरह के कानून का पालन हो रहा है- एक सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के लिए और दूसरा आम लोगो के लिए. हमारी आँखों के सामने पिछले 6 महीनो में जो कुछ हुआ उसे बदलने की कोशिश की जा रही है”. उनके पिता ने कहा कि वह निर्दोष है और उन्हें दिल्ली दंगो में फंसाया जा रहा है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को कल आधी रात को दिल्ली दंगो के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. सरकार के इस कदम से ट्विटर पर कोहराम मचा हुआ है.

बता दें कि उमर खालिद के पिता डॉ सैय्यद क़ासिम रसूल इलियास (Dr SQR Ilyas) ने कल ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मेरे बेटे उमर खालिद को आज रात 11:00 बजे स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस ने UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत गिरफ्तार किया है। दोपहर 1:00 बजे से पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी। उन्हें दिल्ली के दंगों में फंसाया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर #StandWithUmarKhalid लगाते हुए उनके समर्थन में आने की अपील की है.

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उमर खालिद के कल आधी रात को गिरफ्तार होने के बाद ट्विटर पर #StandwithUmarKhalid टॉप ट्रेंड कर रहा था. गौरतलब है कि 4 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में, खालिद ने कहा था कि दो प्रकार के कानून का पालन किया जा रहा है – एक सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के लिए और दूसरा आम लोगों के लिए जिनके खिलाफ “साक्ष्य निर्मित किए जा रहे थे”। उन्होंने कहा, “हमारी आंखों के सामने पिछले छह महीनों के इतिहास को फिर से लिखने और इसे एक आधिकारिक मुहर देने का प्रयास है।”

उमर खालिद के कल आधी रात को गिरफ्तार होने के बाद ट्विटर पर #StandwithUmarKhalid टॉप ट्रेंड कर रहा था. कई नामचीन हस्तियों ने उनकी गिरफ़्तारी को गलत बताया है.
मशहूर पत्रकार राणा अय्यूब (Journalist Rana Ayyub ) ने ट्वीट कर कहा कि मोदी शासन ने व्यवस्थित रूप से हर असहमतिपूर्ण आवाज को गिरफ्तार किया है जो निम्नलिखित आदेश देता है और नेतृत्व क्षमता रखता है। सीएए के विरोध प्रदर्शन ने हमें ऐसे नेता दिए जो राज्य द्वारा भयभीत करने के पक्ष में हमारे ‘विपक्ष’ होने को तैयार हैं। गिरफ्तारियां उन्हें चुप कराने के लिए होती हैं”

सूत्रों के अनुसार खालिद को आज (सोमवार) को दिल्ली की अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, 6 मार्च को खालिद के खिलाफ अपराध शाखा के मादक पदार्थ इकाई के उप-निरीक्षक अरविंद कुमार द्वारा एक सूचना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

FIR में कहा गया है कि : “खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिया और नागरिकों से अपील की कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए सड़कों पर आएं और सड़कों को अवरुद्ध करें। भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को किस तरह सताया जा रहा है। ”

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उमर ख़ालिद का नाम पहली बार जेएनयू के छात्र नेता रहे कन्हैया कुमार के साथ फ़रवरी 2016 में सुर्ख़ियों में आया था. लेकिन तब से कई मामलों में और अपने कुछ बयानों की वजह से ख़ालिद लगातार सुर्खियों में रहे हैं.

ख़ासकर मोदी सरकार की मुखर आलोचना करने के कारण उमर ख़ालिद दक्षिणपंथी रुझान रखने वाले लोगों के निशाने पर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने उमर खालिद की गिरफ़्तारी को साज़िश करार देते हुए ट्वीट कर कहा कि “येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा उमर खालिद की गिरफ्तारी, दिल्ली दंगों की जांच में इसके कुकृत्य के बारे में बिल्कुल भी संदेह नहीं है। यह पुलिस द्वारा जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फ्रेम करने की साजिश है”.

By Editor