गालीबाजों की लंका में एक राज्यपाल ने लगा दी आग

किसानों को खालिस्तानी कहने, दूसरे धर्म के लोगों का जनसंहार करने को उकसाने वाले नफरती गैंग के लिए इससे बुरा नया साल नहीं हो सकता। ट्रेंड कर रहे राज्यपाल।

नए साल पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगानेवाले, किसानों को किसान मानने से इंकार करनेवाले तथा धर्म संसद के नाम पर दूसरे धर्म के लोगों का जनसंहार करने के लिए उकसाने वाले नफरती गैंग के लिए नए साल की शुरुआत इससे बुरी नहीं हो सकती।

मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक का एक वीडियो आज देश में वायरल है। राज्यपाल एक टीवी टैनल से बात कर रहे हैं। कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री से किसानों के मुद्दे पर बात की, तो मिनट भर में झगड़ा हो गया। मैंने कहा कि हमारे पांच सौ किसान आंदोलन के दौराम मारे गए। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या किसान मेरे लिए मरे हैं..। इसके बाद तो किसान संगठन से लेकर आम लोग तक सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि इतना असंवेदनशील कोई प्रधानमंत्री आज तक नहीं हुआ। आप भी देखिए वीडियो-

महिलाओं, किसानों, दलितों तथा मुसलमानों के खिलाफ दिन रात जहर उगलनेवाले भौंचक हैं। एक दो दबे स्वर में कह रहे हैं कि फेक वीडियो है, पर किसी नफरती का साहस नहीं हो रहा कि सतमाल मलिक के खिलाफ अपशब्द कहे। प्रधानमंत्री की आलोचना को भारत की आलोचना कह कर गाली देनेवाले पता नहीं कहां गायब हो गए हैं। बात-बात में मुसलमानों से देशभक्ति का सबूत मांगनेवाले मलिक से देशभक्ति का सबूत मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। उन्हें मालूम है कि मलिक को गाली देने का मतलब है, जाट समुदाय को नाराज करना। और यूपी में चुनाव है, जहां वे पहले ही खराब बैटिंग कर रहे हैं। नेशनल हेराल्ड ने विस्तृत रिपोर्ट में लिखा- सतमाल मलिक यह भी कह रहे हैं कि उन्हें शाह ने बताया कि उनका (पीएम) का दिमाग काम नहीं कर रहा। आप चिंता मत करिए और हमसे मिलते रहिए।

लेखक अशोक पांडेय ने कहा-ये पटेल नेहरू के बीच विवाद पैदा करने की कोशिश करते रहे और यहाँ शाह मोदी के बीच के रिश्ते को मलिक साहब ने एक्स्पोज़ कर दिया। कमाल है! उधर गोदी मीडिया परेशान है। उसे समझ में नहीं आ रहा कि इस मुद्दे को कैसे डायलूट करें। टाइम्स न्यूज कोशिश कर रहा है। वह खबर चला रहा है कि उमर अब्दुल्ला ने सतपाल मलिक की आलोचना की। यही टाइम्स न्यूज कल तक अब्दुल्ला के खिलाफ पानी पी-पी कर तार बरसा रहा था।

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By Editor