शक्ति मालिक हत्या मामले में सच्चाई उजागर, गोदी मीडिया को सूँघा सांप

शाहबाज़ की रिपोर्ट

बिहार के पूर्णिया ज़िले के शक्ति मालिक हत्याकांड में सच्चाई उजागर होते ही गोदी मीडिया को सांप सूंघ गया है.

पूर्णिया के एसपी विशाल शर्मा ने शक्ति मालिक हत्या मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव की संलिप्ता से इंकार किया है. इस खुलासे के बाद गोदी मीडिया चुप है. बता दें कि यह मामला उजागर होते ही मीडिया के कुछ हलकों में कयास के आधार राजद नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाए जा रहे थे.

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी ट्वीट कर मामले की सच्चाई उजागर होते ही भाजपा-जदयू और गोदी मीडिया पर हमला किया है. राजद ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए ट्वीट में कहा कि “JDU BJP के दबाव में शक्ति मलिक के परिजनों ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव पर राजनीति से प्रेरित आरोप लगाए तो बिहार की गोदी मीडिया ने 4 दिन तक लगातार ब्रेकिंग न्यूज़, ब्रेकिंग न्यूज़ करके चलाया! पर अब ऐसे चुप हैं जैसे चैनलों के मालिक को साँप सूँघ गया है”.

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बता दें कि कल ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चेतावनी पूर्ण पत्र लिखकर बिहार सरकार द्वारा शक्ति मालिक हत्या मामले की सीबीआई द्वारा जांच करने का अनुरोध किया। तेजस्वी ने पत्र में लिखा कि राजनीतिक व्यस्तता के कारण मुझे इस मामले की जानकारी देर से प्राप्त हुई. तेजस्वी ने पत्र में आगे कहा की इस मामले में मुझे और मेरे बड़े भाई को नामजद किया गया. उन्होंने अनुरोध किया पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिले और बिहार सरकार इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा कराये जाने की अनुशंषा करे.

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पूर्णिया एसपी विशाल शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि शक्ति मालिक हत्याकांड में नामजद अभियुक्तों की कोई संलिप्त नहीं है. शक्ति मालिक सूद के कारोबार से जुड़े थे एवं उनके पास से भारी संख्या में महिलाओं के आधार कार्ड, ब्लेंक चेक और खाताबही मिले है जिसमे शक्ति मालिक द्वारा लोगों से सूद के रूप में गैरकानूनी रूप से मोटी रकम वसूल करते थे. एसपी ने आगे बताया की शक्ति ने करोनकाल में भी लोगों का सूद माफ़ नहीं किया था. इस बात की सम्भावना जताई जा रही है कि सूद कारोबार में लेन-देन को लेकर शक्ति की हत्या हो गयी.

पुलिस ने हत्या के सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में दो अपराधियों ने मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की तथा बताया कि शक्ति मल्लिक से ब्याज पर पैसे लिए थे. रकम अदा नहीं कर पाने पर दोनों के दुकान में शक्ति मालिक द्वारा तोड़फोड़ की गयी थी.

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