Gujarat Model : लोगों ने क्यों बेच दिया घर का 28000 किलो सोना

सिर्फ यूपी-बिहार के लोग ही महामारी में इलाज, नौकरी खोने के कारण बर्बाद नहीं हुए, गुजरात की जनता भी तबाह है। लोगों ने बेच दिया घर का 28000 किलो सोना।

कुमार अनिल

बिना योजना के अचानक लॉकडाउन, महामारी से निबटने के लिए तैयारी नहीं करना कितना भारी पड़ा, यह बिहार-यूपी ही नहीं, गुजरात भी महसूस कर रहा है। न जाने कितने लोगों का रोजगार छिन गया, इलाज में वर्षों की जमा-पूंजी खत्म हो गई। इसके बाद जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए गुजरात के लोगों ने 28000 किलो सोना बेच दिया।

वर्ल्ड न्यूज के अनुसार गुजरातियों ने महामारी के दौरान 28 एमटी सोना बेच दिया। कांग्रेस के करीबी गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा है कहा-आज देश जानना चाहता है- महामारी ने गुजरातियों को 28 MT gold बेचने पर मजबूर किया।

खबर के मुताबिक जीवन की जरूरतों खासकर अस्पतालों का बिल चुकाने के लिए गुजरातियों ने सबसे ज्यादा सोना बेचा। लगभग 28 metric tonnes सोना गुजरातियों ने बेच दिया। विश्व स्वर्ण परिषद( World Gold Council-WGC) के अनुमान के अनुसार भारत में 142 MT सोना भारत की जनता ने बेच दिया। यह अप्रील, 2020 से दिसंबर 2021 के बीच बेचा गया। इस तरह भारत के लोगों ने इस दौरान जो सोना बेचा, उसका 20 प्रतिशत अकेले गुजरात के लोगों ने बेचा।

यह Gujrat Model का हाल है। इसे ही 2014 में गुजरात मॉडल कहकर प्रचारित किया गया था, जिसे बिहार के लोगों ने समझा था कि गुजरात में तो स्वर्ग है। वहां स्कूल, अस्पताल, उद्योग सब देश में मॉडल हैं। खैर अब तो कई मानव सूचकांक ने गुजरात मॉडल की पोल खोल दी है। इतनी बड़ी खबर है, लेकिन गोदी मीडिया इस पर चर्चा नहीं करेगा। अब खुद भाजपा भी गुजरात मॉडल पर खास जोर नहीं देती। अब वह धर्म संसद, 80-20 की राजनीति कर रही है। फिर अलगी बार कुछ और होगा, लेकिन जो लोग गुजरात मॉ़डल का प्रचार कर रहे थे, उनसे तो सवाल बनता ही है कि इतना सोना बेचने पर गुजरात के लोगों को क्यों मजबूर होना पड़ा।

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